Rajasthan News: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट मामले में या कन्हैयालाल हत्याकांड में एक बार फिर पुलिस का इंटेलिजेंस फैल हुआ है. यहां तक कि एक बार फिर पुलिस की ही लापरवाही सामने आई है. भले ही 4 दिन में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया हो, लेकिन पुलिस सख्त रहती तो शायद हादसा नहीं होता. यहीं नहीं आरोपी ने अपनी सिर्फ करीब 70 बीघा जमीन के कारण ट्रेन में आने वाले सैकड़ों यात्रियों की जान पर दांव खेला लिया. बड़ी बात यह कि देश की बड़ी एजेंसियां आतंकी और नक्सली घटना बताती रही, लेकिन आरोपी स्थानीय निकला.
पुलिस सूत्रों के अनुसार उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन ब्रॉडगेज बनाने के लिए कई लोगों की भूमि अनग्रहीत हुई. जिसका सरकार की तरफ से मुआवजा भी दिया गया. इसी अधिग्रहण में मुख्य आरोपी धुलचंद की 70 बीघा जमीन आ रही थी. सरकार ने 70 बीघा जमीन अधिग्रहित भी की, लेकिन 20 बीघा ही मुआवजा और नौकरी बना. शेष 50 बीघा प्रशासन ने सरकारी जमीन बताई. इसी बात को लेकर क्षेत्र के एडीएम से लेकर कलेक्टर तक अपनी जमीन का मुआवजा लेने के लिए गुहार लगाई. करीब कई सालों तक उसने चक्कर काटे, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. इसके बाद उसके मन रेलवे ट्रेक को लेकर गुस्सा भरा रहा. यह गुस्सा तब बाहर आने लगा, जब 31 अक्टूबर को ब्रॉडगेज लाइन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत की. गुस्से में लोगों से धूल चंद ने कह दिया था कि ट्रेक को ही उड़ा दूंगा. आखिर उसने ऐसा ही किया.
कैसे बनाई प्लानिंग
पुलिस सूत्रों के अनुसार और पूछताछ में बात सामने आई कि रेलवे ट्रैक के उद्घाटन के बाद से धुलचंद ट्रैक पर गुस्से में बैठा था. उसे जानकारी थी कि सुहालका के पास विस्फोटक मिल जाएगा. सुहालका से संपर्क किया और मात्रा 2,000 रुपये में 80 जिलेटिन की छड़े खरीदी. फिर उसमें डेटोनेटर लगाया. जैसे ही उदयपुर से शाम को निकलने वाली ट्रेन ओडा ब्रिज से क्रोस हुई तो वह डेटोनेटर के साथ 80 छड़े पटरी पर लगा दी और ब्लास्ट कर दिया. अगर हादसा होता तो सुबह गुजरात से आने वाली ट्रेन में होता जिसमें सैकड़ों यात्री सवार थे. अब यह सामने नहीं आया कि आखिर उसे ब्लास्ट का आईडिया देने वाला कौन था. क्या यह उसकी खुद की उपज थी या अन्य ने कहा. साथ ही वैसे तो इस एरिया के कई युवाओं को ब्लास्ट करने की जानकारी है तो क्या धुलचंद या उसके भतीजे को ब्लास्ट करना आता था या किसी अन्य से सीखा. एटीएस इन सवालों के जवाब के लिए आरोपियों को रिमांड पर लिया है.
पुलिस की क्या लापरवाही
अंकुश सुहालका ने आरोपियों को ब्लास्ट की सामग्री उपलब्ध कराई थी. इसमें पुलिस सूत्रों के अनुसार चौकाने वाली बात यह सामने आई थी कि पुलिस की खुफिया एजेंसी ब्लास्ट के अगले ही दिन धुलचंद के घर के सामने पहुंची थी और सवीना पुलिस को जानकारी दी थी कि इसके घर की तलाशी लेना है. फिर भी सवीना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कि, नहीं तो अगले ही दिन इसका खुलासा हो सकता था.