Rajasthan Health News: मॉनसून से पहले ही प्रदेश में डेंगू ने डंक मारना शुरू कर दिया है. डेंगू की यह मौसमी बीमारी पूरे प्रदेश में फैल रही है. 33 में से 28 जिलों में डेंगू के मरीज मिले हैं. प्रदेश में सर्वाधिक 163 मामले राजधानी जयपुर में मिले हैं. डेंगू के मामले सामने आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. इसके साथ-साथ डेंगू सहित मच्छर जनित बीमारियों से संबंधित अभियान भी शुरू किया गया है. बीते सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 21 से 60 आयुवर्ग के लोग सबसे ज्यादा डेंगू की चपेट में आए. इस साल भी ज्यादातर मामले इसी उम्र के हैं. करीब 30 फीसदी लोगों की प्लेटलेट्स डाउन हुई हैं.


इन जिलों में सबसे ज्यादा मरीज
प्रदेश के कई जिलों में डेंगू के एक दर्जन से अधिक मामले सामने आए हैं. सबसे ज्यादा 163 मामले राजधानी जयपुर में मिले हैं. अलवर में 42, भरतपुर में 26, दौसा में 26, उदयपुर में 25, करौली में 23, जोधपुर में 20, कोटा में 19, टोंक में 13, बीकानेर में 12, सवाई माधोपुर में 12 और झुंझुनू में 12 केस सामने आए हैं.


दो प्रकार का होता है डेंगू
डेंगू दो प्रकार का होता है सामान्य और गंभीर. संक्रमित होने पर इसके लक्षण 4 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं. हल्के या सामान्य लक्षण में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, आंखों में दर्द, त्वचा पर लाल दाने होना, ग्रंथियों में सूजन आ जाती है. जबकि गंभीर मामले होने पर गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव, मल मूत्र या उल्टी में खून आना, त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन या बेचैनी होने लगती है.


डेंगू के लक्षण
डेंगू बुखार मच्छर जनित वायरल बीमारी है. इसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर दाने निकल आते हैं. यह मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है. यह वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते लेकिन लापरवाही की गई तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार का रूप ले सकता है. जिसमें भारी रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट और अंत में स्थिति अत्यंत गंभीर भी हो सकती है.


अलर्ट रहकर ऐसे करें बचाव
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि डेंगू की रोकथाम के लिए जनता को भी प्रयास करने होंगे. बारिश का सीजन आने वाला है, सभी को अलर्ट रहना चाहिए. घर में पानी ज्यादा दिन इकट्टा न होने दें. लोग सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं. डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता है. ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को न पनपने दें. कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पैदा होने का खतरा रहता है. कूलर का उपयोग न होने पर उसका पानी खाली कर दें. घर की छत पर रखे गमलों अन्य चीजें जिसमें पानी जमा होता है उनको खाली कर दें. इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं. घरों के आसपास या गड्ढों में पानी जमा ना होने दें. डेंगू के लार्वा तेजी से फैलते हैं. मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और स्प्रे का इस्तेमाल करें.


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