Udaipur News: राजस्थान में अपराधों के बढ़ते ग्राफ के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन राजस्थान में ऐसे गांव भी है जहां से पिछले 30 साल में पुलिस थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. यह गांव उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ जिले में हैं. प्रतापगढ़ में 45 ऐसे गांव हैं जहां किसी मे 7 तो किसी में 30 साल से कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. इसके पीछे कारण भी रोचक है.


एसपी-कलेक्टर ने पहल शुरू की
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी डॉ. अमृता दुहान और कलेक्टर सौरभ स्वामी ने इन गांवों के लिए खास पहल शुरू की है और इन 45 गांव के पंच पटेल, सरपंच, उपसरपंच को सम्मानित किया. ऐसा नहीं था कि इन गांव के इन लोगों ने कोई सरकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया हो, बल्कि कारण यह था कि इन 45 गांव में से कुछ धनेश्री, अंबावली, भगवानपुरा, बावड़ी खेड़ा, रंजाल, चमुनाजी का पिपलिया, कुलमी ऐसे गांव थे, जिनमें साल 1980 से 2010 तक, तो कुछ ऐसे थे जिनमें साल 2015 से लगाकर अब तक कोई आपराधिक मामला पुलिस थाने में दर्ज नहीं हुआ.


एसपी और कलेक्टर ने इन गांव की सराहना भी की. डॉ. दुहान ने कलेक्टर से आग्रह किया कि सरकार की योजनाओं का इन सभी ग्रामीणों को लाभ दिलाया जाए और सरकारी स्तर पर भी इस अच्छे कार्य को लेकर इनको प्रोत्साहन मिले. ताकि भविष्य में या किसी प्रकार का कोई अपराध घटित न हो.


अपराध दर्ज नहीं होने के पीछे यह है कारण
इन गांव में विवाद को एक जाजम पर बैठकर सुलझाते हैं. इन गांवों में साक्षरता 75 प्रतिशत है जिसमें अधिकांश खेती या नौकरी में व्यस्त रहते हैं. एसपी दुहान ने बताया कि इन 45 गांव में से प्रत्येक गांव की औसत आबादी 300 है. कुल आबादी करीब 13000 के आसपास है. साक्षरता दर करीब 75% है. लगभग 70% लोग खेती और निजी व्यवसाय से जुड़े हैं. जबकि 30% सरकारी और प्राइवेट नौकरी में है. ऐसे में यहां लोगों के पास अपराध करने का समय नहीं है. विवाद हो भी जाए तो एक जाजम पर बैठकर सुलझाने में पंच पटेलों और जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका रहती है. स्थानीय पुलिस की भी सकारात्मक भूमिका रहती है. यहां के कई लोग पुलिस, वन विभाग, पंचायती राज में लगे हुए हैं.


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