Rajasthan News: भीलवाड़ा में बैलगाड़ी में बैठकर बहन के ससुराल भात भरने पहुंचे भाई, वजह जानकर रह जाएंगे दंग
Rajasthan News: राजस्थान के गांव खेड़ा से 6 भाई अपनी बहन के ससुराल भात भरने के लिए 7 सजी-धजी बैलगाड़ियों पहुंचे. जिनका ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया.
Rajasthan News: जहा एक ओर 21वीं सदी में दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने हेलीकॉप्टर या लग्जरी कार से जाता है. वहीं राजस्थान के एक गांव में भाई अपनी बहन के ससुराल भात की रस्म पूरी करने बैलगाड़ी से पहुंचे. इतना ही नहीं जहां-जहां से ये बैलगाड़ी गुजरी लोगों ने इसका जोरदार स्वागत किया. भीलवाड़ा जिले के खेड़ा गांव से भाई 14 सजी-धजी बैलों की 7 बैल गाड़ियों में 8 किलोमीटर दूर अपनी बहन के ससुराल रायला गांव में पहुंचे. गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने इनका जोरदार स्वागत करते हुए बैलों की पूजा की उन्हें हरा चारा खिलाया.
बहन के ससुराल बैलगाड़ियों से पहुंचे भाई
दरअसल रायला के रहने वाले लोकेश वैष्णव की बेटी के ब्याह में उसके 6 मामा केदार, मुकेश. त्रिलोचन, विनीत, राजू और सत्यनारायण अपनी बहन के ससुराल सजी हुई बैलगाड़ियों से पहुंचे. इस तरह भात की रस्म पूरी करने आए लोगों को हर कोई देखते रह गया. भात भरने आए स्कूल अध्यापक सोनू वैष्णव ने कहा कि मेरे गांव से 8 किलोमीटर दूर रायला बहन के घर हम बैल गाड़ियों से आये हैं जिससे पेट्रोल और डीजल बचाने के लिए हम लोगों को संदेश दे सकें. इसके साथ ही हम चाहते हैं कि अपने पुराने रीति रिवाज के अनुसार बैल गाड़ियों का प्रचलन बढ़े औऱ हमारे संस्कृति जीवित रह सके.
लोगों को दिया प्रदूषण रोकने को संदेश
ईश्वर लाल ने अपने पुत्रों की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि बढ़ती महंगाई और पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए हम बैलगाड़ी से भात भरने आए हैं.इन सजी-धजी बैल गाड़ियों के साथ हम भगवान कृष्ण-नरसी मेहता के भजन गाते हुए आए हैं. हमारा यही कहना है कि अपनी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए हम अपना छोटा सा ही योगदान अवश्य दें. संस्कृति ही राष्ट्र का निर्माण करती है इससे हमारे गौ संवर्धन को प्रेरणा मिलेगी.