Bisalpur Dam: राजस्थान (Rajasthan) के कई जिलों की लाइफलाइन कहलाने वाला अजमेर (Ajmer) संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध आज छलकने लगा है. बांध की जलभराव क्षमता 315.50 पूरी होने पर शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे बांध के दो गेट खोले गए. कलेक्टर चिन्मयी गोपाल, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर वीरेंद्र सिंह सागर व अन्य अधिकारियों ने गेट खोलने से पहले बीसलपुर बांध पर पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना की.
इसके बाद पानी की निकासी के लिए गेट नंबर 9 व 10 खोले गए. इन दोनों गेट से करीब 6 हजार क्यूसेक पानी बाहर निकाला जा रहा है. कई जिलों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध के गेट 19 साल में छठी बार खुले हैं. सुरक्षा के लिए प्रशासन ने नदी किनारे बसे क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी किया है.
19 साल में छठी बार छलका बीसलपुर
करीब दो दशक में बीसलपुर 6 बार लबालब भरा है. बीते 19 साल में आज 26 अगस्त 2022 को छठी बार बीसलपुर बांध के गेट खोले गए हैं. पहली बार 18 अगस्त 2004 को गेट खोले गए थे. इसके बाद दूसरी बार 25 अगस्त 2006, तीसरी बार 19 अगस्त 2014, चौथी बार 10 अगस्त 2016, पांचवीं बार 20 अगस्त 2019 को गेट खोले गए थे.
तीन जिलों की प्यास बुझाता है बीसलपुर
बीसलपुर बांध छलकने से राजस्थान के कई जिलों में खुशी की लहर है. यह रोजाना तीन जिलों की प्यास बुझाता है. यहां से जयपुर को 600 एमएलडी, अजमेर को 315 एमएलडी व टोंक को 50 एमएलडी पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जाता है. एक एमएलडी में 28 लाख लीटर पानी है. इन शहरों के साथ 1800 गांवों को डेढ़ साल तक सप्लाई करने जितना पानी जमा हो गया है. बीसलपुर भरने से पेयजल की सप्लाई सुचारु होगी. खेती-किसानी के लिए सिंचाई में सुविधा होगी.
बीसलपुर में आता है इन नदियों का पानी
बीसलपुर बांध में प्रदेश की कई नदियों का पानी पहुंचता है. यहां बनास, बेड़च, त्रिवेणी, मेनाली, गंभीरी, खारी, कोठारी, वागन नदी का पानी आता है. बीसलपुर बांध का शिलान्यास वर्ष 1985 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर व सिंचाई मंत्री परसराम मदेरणा ने किया था. शिलान्यास के 2 साल बाद वर्ष 1987 में इस बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सका. बांध बनने में करीब 9 साल का समय लगा. वर्ष 1996 में यह बांध बनकर तैयार हुआ था. इस बांध की जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है. इसमें 38.708 टीएमसी पानी का भराव होता है.