Rajasthan News: नगर निगम कोटा (Kota) उत्तर में नेता प्रतिपक्ष के मनोनयन को लेकर उपजा विवाद बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंच गया. जब सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी ने इसका जवाब नहीं दिया तो अब बीजेपी के 8 पार्षदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर संगठन में काम करने का मार्गदर्शन मांगा है. पार्षदों ने पत्र की प्रति प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, अरुण सिंह व सतीश पुनिया को भी भेजी है. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा है कि हमारा मार्गदर्शन करें की बीजेपी की विचारधारा को आगे बढ़ाना है या हरिकृष्ण बिरला, लोकसभा अध्यक्ष के भाई का आदेश मानते हुए काम करना है.


बीजेपी का मजबूत गढ़ भी हाथ से गया
पार्षदों ने पत्र में लिखा की आज से लगभग 2 साल पूर्व कोटा में कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण नगर निगम के चुनाव हुए थे. जहां ज्यादातर सीटों पर व्यक्ति विशेष के अनुसार टिकट दिए गए. इसमें से अधिकांश सीटें हारने के बाद कोटा उत्तर नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बना वहीं भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ कहे जाने वाला कोटा दक्षिण भी कांग्रेस के हाथ में चला गया. दोनों ही नगर निगमों में कांग्रेस अपना बोर्ड बनाने में सफल हो गई. विगत दो सालों से कांग्रेस बोर्ड के काम से शहर की जनता बहुत ज्यादा परेशान है. हमें बड़े ही दुख के साथ आपको यह बताना पड़ रहा है कि हमारे यहां नगर निगम कोटा उत्तर जो बीजेपी के लिए राजस्थान की सबसे कठिन सीटों में से एक है.


नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के लिए काम करते हैं
यहां शांति धारीवाल जो कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं उनका ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब वह आरएसएस को व बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व मोदी व अमित शाह को नाम ले लेकर व्यक्तिगत रूप से व सार्वजनिक तौर पर नहीं कोसते हो. अभी वर्तमान में जिला अध्यक्ष द्वारा भेजे गए कोटा उत्तर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष के नाम को प्रदेश नेतृत्व में स्वीकृति दी है. कोटा उत्तर नगर निगम के कुल 70 पार्षदों में से बीजेपी के 14 पार्षद है जिनमें से 8 पार्षदों ने इस नाम पर आपत्ति की तो जिला अध्यक्ष व संगठन के प्रभारी ने कहा कुछ पार्षद अनुशासनहीनता करते हैं. जिस व्यक्ति को नगर निगम कोटा उत्तर में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है उसकी कार्यशैली किसी से छिपी नहीं है.


जिला अध्यक्ष ऐसा कहते हैं
वह लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का व विधानसभा व अन्य चुनाव में कांग्रेस के लिए काम करता है. पूर्व में भी जिलाध्यक्ष द्वारा मंडल अध्यक्षों से लेकर विभिन्न पदों पर ऐसे लोगों को नियुक्तियां दी है. ऐसे में लोकसभा में बीजेपी व अन्य चुनाव में कांग्रेस को मजबूत करने का काम करते हैं. जब भी भारतीय जनता पार्टी का कोई कार्यकर्ता वार्ड मंडल व जिले में नियुक्ति के लिए जिला अध्यक्ष के पास जाता है, तो उनका सीधा-सीधा यह निर्देश होता है कि आप पहले जाकर लोकसभा अध्यक्ष के छोटे भाई से नोड्यूज लाओ तभी आपको संगठन में पद दिया जाएगा. आप हमारा मार्गदर्शन करें कि हमें भी भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति व विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करना है, या लोकसभा अध्यक्ष के छोटे भाई की पूजा कर उन्हीं से आशीर्वाद लेना है.


नियुक्तियां लोकसभा अध्यक्ष के छोटे भाई करेंगे
दरअसल, जिलाध्यक्ष का यह कहना है कि मैं कोई भी निर्णय नहीं कर सकता सारे निर्णय लोकसभा अध्यक्ष के छोटे भाई ही करेंगे. वहीं दूसरी ओर संगठन प्रभारी को प्रभारी बने लगभग एक वर्ष का समय हो गया. क्या उन्होंने कोटा उत्तर के बीजेपी पार्षदों की एक बार भी बैठक ली? क्या हम 8 पार्षदों को वह व्यक्तिगत रूप से या नाम से जानते हैं? क्या उन्होंने हमसे कभी चर्चा की? परंतु बार-बार जिलाध्यक्ष, संगठन प्रभारी व छुटपुट पदाधिकारी हमें संगठन का पाठ पढ़ाने की नसीहत देते हैं. जबकि जिला अध्यक्ष यह कहते हैं सारी नियुक्तियां लोकसभा अध्यक्ष के छोटे भाई ही करते है।


शांति धारीवाल को मजबूत होने का काम हो रहा
जिला अध्यक्ष की कार्यशैली से ऐसा प्रतीत होता है कि वह व्यक्ति विशेष के इशारे पर कोटा उत्तर में बीजेपी को कमजोर करने व शांति धारीवाल को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. आप उन्हें भी निर्देशित करें कि हमें नसीहत देने के बदले वह धारीवाल का विरोध करना सीखें. वहीं समान विचारधारा वाले चार निर्दलीय पार्षदों ने कहा कि हमने भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति व विचारधारा के कारण बीजेपी का समर्थन किया है. किसी व्यक्ति विशेष की पूजा हमें कभी भी स्वीकार नहीं है. निर्दलीय पार्षदों ने कहा बीजेपी की रीति-नीति व विचारधारा को दिया था.


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