सांसद ओम बिरला की पहल पर कोटा-बूंदी को मिलेगी सौगात, इन दो टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे 9 बाघ-बाघिन
Kota News: स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने बैठक की. इस बैठक में कोटा-बूंदी के दो टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन छोड़ने का फैसला किया गया.
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा-बूंदी में दोनों टाइगर रिजर्व को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) के प्रयासों से जल्द बड़ी सौगात मिलने वाली है. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में जल्द ही नौ बाघ-बाघिन छोड़े जाएंगे. इसके अलावा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में सुविधाओं को विकसित कर जल्द ही टाइगर सफारी को भी शुरू किया जाएगा.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा की उपस्थिति में गुरुवार (8 अगस्त) को संसदीय क्षेत्र कोटा-बून्दी में वन विभाग और दोनों टाइगर रिजर्व से संबंधित विषयों को लेकर बैठक हुई. बैठक में स्पीकर ओम बिरला ने दोनों टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन और अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ाने और कोटा में सफारी को जल्द शुरू करने की बात कही है.
मुकंदरा टाइगर रिर्जव में छोड़े जाएंगे 3 बाघ-बाघिन
इस बैठक में मुकंदरा टाइगर रिर्जव में दो बाघ और एक बाघिन, जबकि रामगढ़ विषधारी में छह बाघ-बाघिन सहित अन्य वन्यजीव छोड़ेने का फैसला लिया गया है. कोटा-बूंदी के वन भूमि क्षेत्र में लंबे समय से अधूरे पड़े विकास कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए एनओसी प्रक्रिया में तेजी लाने का फैसला हुआ. वन भूमि अधिनियम के तहत इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि आमजन को लाभ मिल सके.
बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस दौरान चंबल नदी में रिवर क्रूज के संचालन में आ रही बाधा को दूर करने को लेकर भी चर्चा हुई. केंद्रीय वन मंत्री ने अधिकारियों को क्रूज संचालन से संबंधित कार्यवाही को पूरा करने के निर्देश दिए. अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क में बजट के अभाव में लंबे समय में रुका हुआ दूसरे फेज का काम भी जल्द ही शुरू होगा. कैम्पा निधि से यहां नए एनक्लोजर्स निर्माण और अन्य विकास कार्य होंगे.
वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्य के अधिकारियों को इसका प्रस्ताव भेजने को कहा है. पूर्व में सेंट्रल जू अथॉरिटी की ओर से यहां 35 एनक्लोजर्स की स्वीकृति मिली थी, लेकिन मौजूदा समय में यहां 13 एनक्लोजर्स ही बन सके हैं. नए एनक्लोजर्स के निर्माण के बाद यहां घड़ियाल, जलीय जीव और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को भी लाया जा सकेगा.