(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: ठेकेदार से रिश्वत मांग रहा था सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, ACB ने छह लाख रुपये लेते रंगे हाथों पकड़ा
Rajasthan Anti corruption bureau: पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने ठेकेदार को शहर में एक डेयरी बूथ पर बुलाया था. इसके बाद अधीक्षण अभियंता अपनी कार में बैठकर ठेकेदार से रिश्वत की 6 लाख रुपये ले रहा था.
Anti corruption bureau of Rajasthan: राजस्थान के अलवर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को अलवर में बड़ी कार्रवाई की. ACB ने लोक निर्माण विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण शाखा के अधीक्षण अभियन्ता (Superintendent Engineer) को 6 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार अलवर पीडब्ल्यूडी विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण शाखा में अधीक्षण अभियंता रामेश्वर सिंह जाटव को 6 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है. अधीक्षण अभियंता रामेश्वर सिंह के पास अलवर और जयपुर ग्रामीण के गुणवत्ता नियंत्रण का प्रभार है. शिकायत कर्ता ठेकेदार ने 10 मार्च को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सड़क का नमूना लैब में भेजने की धमकी देकर रिश्वत के लिए मजबूर कर रहे हैं और बिलों का भुगतान नहीं होने दे रहे हैं.
एसीबी की टीम ने पहले शिकायत का सत्यापन कराया. सत्यापन के दौरान जांच अधिकारियों ने आरोप को सही पाया. इस दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि 4 मार्च को 2 लाख 50 हजार और 10 मार्च को 1 लाख 50 हजार रुपये अभियंता पहले भी ले चुके हैं. इसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर आरोपियों को धर दबोचा. दरअसल, पीडब्ल्यूडी अधिकारी ठेकेदार पर 3 - 3 लाख करके दो किस्तों में पैसे देने के लिए मजबूर कर रहा था. इसी से तंग आकर ठेकेदार ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी.
पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने ठेकेदार को शहर में एक डेयरी बूथ पर बुलाया था. इसके बाद अधीक्षण अभियंता अपनी कार में बैठकर जब ठेकेदार से रिश्वत की 6 लाख रुपये ले रहा था, तभी एसीबी की टीम ने 6 लाख रुपये लेते हुए उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
एसीबी अधिकारी ने यह बताया
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीएसपी परमेश्वर यादव ने बताया है कि पीडब्ल्यूडी विभाग के सड़क गुणवत्ता नियंत्रण शाखा के अधीक्षण अभियंता रामेश्वर सिंह को 6 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया है. अधीक्षण अभियंता ठेकेदार से 15 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था, फिर 10 लाख में सहमति बनी. अधीक्षण अभियंता 4 लाख रुपये पहले ले चुका था और 6 लाख रुपये लेते हुए एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है.
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