Rajasthan ACB Team in Action Mode: राजस्थान (Rajasthan) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम एक्शन मोड में है. भ्रष्टाचार (Corruption) पर लगाम लगाने के लिए एसीबी की तरफ से लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. रविवार को एसीबी की टीम ने चौंकाने वाली कार्रवाई करते हुए लाखों रुपए की जीएसटी (GST) चोरी करने वाले बड़े अधिकारियों को धर दबोच है. ये कार्रवाई उदयपुर (Udaipur) और भीलवाड़ा (Bhilwara) में हुई जो रविवार देर रात तक चलती रही. एसीबी ने भीलवाड़ा जीएसटी एडिशनल कमिश्नर मोहम्मद हुसैन अंसारी (Mohd Hussain Ansari), वाणिज्य कर अधिकारी दिनेश टेलर, दलाल नीलेश अग्रवाल, बिचौलिया राजमल और ट्रांसपोर्ट व्यवसायी लक्ष्मण अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. 


हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई 
जीएसटी एडिशनल कमिश्नर मोहम्मद हुसैन अंसारी को मुर्शिद नगर सेक्टर 12 स्थित निवास से 4 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एडिशनल कमिश्नर के घर पर एसीबी ने छापा मारकर रिश्वत देने आए दलाल पानेरियों की मादड़ी निवासी निलेश अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पूरे मामले में मिलीभगत होने पर भीलवाड़ा जीएसटी अधिकारी सहित अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है. 


मिली थी गुप्त सूचना 
एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी मुख्यालय को गोपनीय सूचना प्राप्त हुई थी कि जीएसटी (वाणिज्यिक कर विभाग) भीलवाड़ा में टैक्स चोरी का एक बड़ा रैकेट चलाया जा रहा है. जिसमें कर विभाग के अधिकारी कर्मचारी, दलाल और व्यापारी मिलीभगत करके सरकार को करोड़ों से राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं. रविवार को टैक्स चोरी रैकेट के तहत दलाल निलेश व्यापारियों से रिश्वत के 4 लाख रुपए लेकर उदयपुर जीएसटी एडिशनल कमिश्नर मोहम्मद हुसैन अंसारी के घर पहुंचा था.


रखी जा रही थी निगरानी 
एडीजी दिनेश एमएन के अनुसार एसीबी की टीम सूचना के मुताबिक इस पूरे रैकेट पर निगरानी रख रही थी. जैसे ही निलेश ने एडिशनल कमिश्नर मोहम्मद हुसैन अंसारी को रिश्वत के 4 लाख रुपए दिए, तभी एसीबी टीम ने छापा मारकर अंसारी और दलाल निलेश को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद टीम ने रिश्वत चोरी में मिलीभगत होने पर अन्य को दबोचा. 


ऐसे बढ़ाया अपना नेटवर्क
अधिकारियों ने बताया कि भीलवाड़ा के प्रमुख ट्रांसपोर्टर राजमल उर्फ राजू अग्रवाल, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसायी आरसी व्यास और लक्ष्मण अग्रवाल खुद अपने लिए माल मंगाते हुए टैक्स चोरी का गणित समझ गए तो उन्होंने अन्य व्यवसायियों के साथ-साथ जीएसटी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अपने नेटवर्क में शामिल किया. ये लोग से दावा करते थे कि जीएसटी अधिकारि हमारी सेटिंग है. तो जो भी माल मंगवाना हो तो बताओ.


अपनाते थे 2 तरीके 
अधिकारियों ने ये भी बताया कि ट्रांसपोर्टर माल ज्यादा मंगाते और टैक्स कम देते थे. इसके लिए 2 तरीके अपनाते थे. एक जिसमें माल की कीमत कम दिखाकर टैक्स बचा लेते थे. दूसरा, ऑफलाइन विल्टी बनाकर पुरा टैक्स ही गायब कर देते थे. अलग-अलग ट्रांसपोर्टरों को ये अपने नेटवर्क में शामिल करते थे ताकि 2 नंबर के माल पहुंचाने में बड़ा नेटवर्क तैयार हो सके.


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