Rajasthan News: राजस्थान के कोटा (Kota) में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. साल 2022 की तुलना में 2023 में सात प्रतिशत अधिक मुकदमें दर्ज किए गए हैं. कोटा के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कोटा शहर में 2023 में आईपीसी की धारा के तहत 5,750 मामले दर्ज हुए, जो 2022 की तुलना में सात प्रतिशत (5,386) अधिक हैं. साल 2020 और 2021 में कोरोना काल के दौरान इन मामलों में कमी आई थी. इसके फलस्वरूप 2020 में 4,454 और 2021 में 4,717 मामले ही आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज हुए थे.


वहीं 2019 में 5,718 प्रकरण दर्ज हुए थे. इस प्रकार कोरोना काल के बाद इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इन अपराधों में ज्यादातर हत्या के प्रयास (8 प्रतिशत), बलात्कार (16 प्रतिशत) और चौपहिया वाहन चोरी (4 प्रतिशत) में 2022 की तुलना में कमी रही है. वहीं अन्य मामले 2022 की तुलना में 3 प्रतिशत ज्यादा दर्ज हुए हैं, जबकि 2019 की तुलना में 15 प्रतिशत कम दर्ज हुए हैं. 


महिला अत्याचार में कमी
शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि संपत्ति संबंधी अपराधों (डकैती, लूट, चोरी) में 2022 में 1,445 की तुलना में 2023 में 1,674 प्रकरण दर्ज हुए हैं. जबकि साल 2019 में 1,740 प्रकरण दर्ज हुए थे. इस प्रकार साल 2022 की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक और 2019 की तुलना में 4 प्रतिशत कम मामले दर्ज हुए हैं. महिला अत्याचार में 2022 की तुलना में 6 प्रतिशत और 2019 की तुलना में 4 प्रतिशत की कमी रही है.


47 को बालश्रम से मिली मुक्ति
साल 2023 में 47 बच्चों को बालश्रम से मुक्त करवाकर नियोक्ताओं के खिलाफ 20 मामले दर्ज किए गए. साथ ही 2023 में लंबे समय से गुमशुदा लड़की को इंदौर (7 वर्ष से), नई दिल्ली से मूक बाधिर बालक (5 वर्ष से), मांगलियावास से नाबालिग (3 वर्ष), 3 स्कूली छात्र 24 घंट में पुष्कर से, 2 बालिकाओं को अवध एक्सप्रेस से आरपीएफ के समन्वय से, कोचिंग छात्रा को गुवाहाटी पुलिस के समन्वय से छुड़ाया गया है.


राजस्थान पुलिस की वर्ष 2024 की प्राथमिकताएं 



  • संगठित अपराध समूह, गैंगस्टर्स, नकल गिरोह और हार्ड कोर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई और कड़ी न्यायिक कार्यवाही करना. 

  • महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा हेतु योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कार्रवाई करना.

  • साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देकर तकनीकी संसाधन उपलब्ध करवाना और आमजन को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना.

  • यातायात का बेहतर प्रबंधन कर सड़क दुर्घटना में कमी लाना.

  • पुलिस द्वारा आमजन के साथ समन्वय और सकारात्मक संबंध स्थापित कर पुलिस और जनता के मध्य सहयोग और सहभागिता बढ़ाना.


यह रहेंगी प्रशासनिक प्राथमिकताएं 



  • पुलिस कार्यालयों, थानों इत्यादि का नवनिर्माण और समयबद्ध मरम्मत, रख-रखाव, साफ-सफाई और सौन्दर्यीकरण करना.

  • पुलिसकर्मी और उनके परिजनों के स्वास्थ्य और कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करना.

  • प्रशासनिक और कार्मिक प्रबंधन से संबंधित अभिलेखों का समयबद्ध पूर्ण डिजिटलाइजेशन करना.



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