Rajasthan News: बीजेपी ने सरदारशहर उपचुनाव को जीतने की लिए पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन उसे बहुत बड़ी हार मिली. बीजेपी के पूर्व विधायक अशोक कुमार पींचा कुल 26852 वोटों से हार गए हैं. इस हार की गूंज अब चूरू ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान तक पहुंच चुकी है. दिल्ली में भी बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व एक्टिव हो गया है.
वहीं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए अब मुश्किल हो रही है, क्योंकि अब उनका विरोधी खेमा एक्टिव हो चुका है. धीरे-धीरे अब चिंगारी सुलग रही है. दरअसल, राजस्थान में बीजेपी लगातार उपचुनाव हार रही है. आइए आपको समझाते है. फिलहाल यहां का सियासी माहौल क्या है?
अपने घर को नहीं बचा पाए अध्यक्ष
चूरू की सरदारशहर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को जीतना बहुत जरूरी हो चुका था. सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ इसी जिले आते हैं. ये इन दोनों का गृह जनपद भी है. फिर भी यहां इनकी राजनीति और रणनीति सफल नहीं हो पाई. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को 26852 वोटों से शिकस्त दी है. कांग्रेस के अनिल शर्मा ने 90915 वोट हासिल किए तो बीजेपी के अशोक पींचा को 64219 वोट मिले.
जानकारों को माने तो इस उपचुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दूर थीं, और उन्होंने अपनी रणनीति से बीजेपी आलाकमान को बड़ा संदेश दने का काम किया है. इससे एक बार फिर बीजेपी की सियासत में राजनीतिक पारा चढ़ गया है.
वसुंधरा के प्रभाव को कांग्रेस ने माना लेकिन बीजेपी ने नहीं
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के राजनीतिक प्रभाव को कांग्रेस मान रही है, क्योंकि राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा को झालावाड़ से एंट्री कराने और कोटा-बूंदी में राहुल को पैदल चलाने का प्लान बनाया गया. बताया जा रहा है कि इसके पीछे की रणनीति हाड़ौती में कांग्रेस को मजबूत करने का एक प्रयास है. इस क्षेत्र में कांग्रेस वसुंधरा राजे का प्रभाव मान रही है. मगर वहीं सरदारशहर में हुए उपचुनाव में वसुंधरा राजे नहीं दिखीं. जबकि पूरी पार्टी डटी थी.
राजे का न दिखना है कई सवाल खड़े कर रहा है. कांग्रेस इस बात को अच्छी तरह जानती है कि वसुंधरा राजे का राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में व्यापक प्रभाव है. उसे कम करने के लिए कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा का सबसे ज्यादा फोकस इसी क्षेत्र में किया है. मगर बीजेपीअभी दूर दिखी है.
दौरे पर सतीश पूनिया
वहीं हार के बाद अध्यक्ष दौरे पर निकल गए हैं. नौ दिसंबर को उन्होंने झुझनूं में दो बजे सूरजगढ़ विधानसभा के कुहाड़वास में जन आक्रोश किसान चौपाल को संबोधित किया. फिर उन्होंने शाम को चार बजे पिलानी में बुद्धिजीवी वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया. रात नौ बजे जन आक्रोश रात्रि चौपाल को भी संबोधित किया.
10 दिसंबर को उनकी सुबह नौ बजे मंडावा में कार्यकर्ताओं के साथ चाय पर चर्चा और 11 बजे सीकर के फतेहपुर के कारंगा में जन आक्रोश किसान सभा को संबोधित करने की तैयारी है. वो नागौर के लाडनूं में दोपहर एक बजे जन आक्रोश चौपाल को संबोधित और जायल में 3.30 बजे कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे. अब अध्यक्ष और ताबड़तोड़ दौरे करने वाले हैं.