(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोटा के बाद बूंदी पुलिस पर भी कोर्ट ने उठाये सवाल, इस पुलिस अधिकारी को फिर से ट्रेनिग भेजने के आदेश
Rajasthan New2s: कोर्ट ने बूंदी कोतवाली के इंचार्ज सहदेव मीणा पर 1 हजार लगाकर उन्हें फिर से ट्रेनिंग पर भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जुर्माना राशि 7 दिन में न्यायालय में जमा करवाने को कहा है.
Bundi News: राजस्थान (Rajasthan) की कोटा (Kota) के बाद बूंदी पुलिस (Bundi Police) पर भी कोर्ट ने सवाल उठाए हैं. यहां बूंदी कोतवाली के इंचार्ज सहदेव मीणा पर 1 हजार का जुर्माना लगाते हुए 1 माह की ट्रेनिंग तक भेजने के निर्देश दिए हैं. बूंदी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोष मीणा ने धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट के मामले में कोतवाली पुलिस द्वारा पेश किए गए परिवाद को खारिज कर दिया. साथ ही धारा 207 एमवी एक्ट पुलिस प्रक्रिया के संबंध में अभियुक्त मुनीराम को अनुमोदित किया है. कोतवाली थाना सहदेवसिंह द्वारा गलत रूप से न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया. मुनीराम को विधिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तार किया गया है, जो थाना अधिकारी के विधि के ज्ञान के अभाव को दर्शाता है. न्यायालय ने आदेश दिया कि थाना अधिकारी को उचित प्रशिक्षण दिलाए जाने और उनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भी लिखा जाएगा. वहीं धारा 358 के तहत थाना अधिकारी पर 1000 जुर्माना किया जाता है. ये जुर्माना राशि 7 दिन में न्यायालय में जमा कराएं. ये राशि कांस्टेबल मुन्नीराम को उसके समय एवं हानि के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी.
ये था पूरा मामला
मामले के अनुसार 31 अगस्त को लाइन पुलिस के कांस्टेबल मुनीराम कार चला कर आ रहे थे. इस दौरान कोतवाली पुलिस ने शराब के नशे में उसे पकड़ लिया और मेडिकल करवाकर वाहन जब्त कर लिया. वाहन छुड़ाने के लिए मुन्नीराम ने 1 अधिकारी सितंबर को न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाएं. इसके जवाब में कोतवाली पुलिस ने 2 सितंबर को परिवाद पेश किया. इस पर मुनीराम के वकील इमरान खान ने एतराज जताते हुए दलील दी कि पुलिस के इस परिवाद में मेडिकल की रिपोर्ट है, जिसमें डॉक्टर ने साफ लिख रखा है कि शराब पी रखी है, लेकिन शराब के प्रभाव में नहीं है. शराब की पुष्टि के लिए खून की जांच भी नहीं करवाई गई है केवल खानापूर्ति के साथ से ये कार्रवाई की है. ऐसी स्थिति में धारा 185 एमवी एक्ट का अपराध नहीं बनता है. पत्रावली पर ऐसी कोई रिपोर्ट पुलिस द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है, जिससे स्पष्ट हो सके कि मुलजिम मुन्नीराम के रक्त के नमूने / श्वास विश्लेषक मात्रा 30 मिलीग्राम से अधिक हो. इसलिए परिवाद चलने योग्य नहीं है. इसलिए मुलजिम के खिलाफ प्रसंज्ञान नहीं लेकर उसे उन्मोचित किया जाए.
कोतवाल बोले, उच्च कोर्ट में करेंगे अपील
कोर्ट द्वारा कोतवाली थाना प्रभारी सहदेव मीणा पर 1 हजार का जुर्माना लगाकर, ट्रेनिंग में भेजने के आदेश के बाद एबीपी न्यूज़ ने मीणा से बात की, जहां उन्होंने बताया कि हमने नियमानुसार कार्रवाई की थी, कोर्ट में जो आदेश दिया है उसकी हम उच्च कोर्ट में अपील करेंगे. मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया है. वहीं कोटा में भी 4 दिन पूर्व पोक्सो कोर्ट ने कुछ पुलिस अधिकारियों को भी ट्रेनिंग में भेजने के आदेश जारी करने के बाद महकमे में खलबली मच गई थी. हालांकि यहां भी मामला उच्च स्तर कोर्ट में चला गया.