Jodhpur News: देश को मिली आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसको लेकर देशभर में आजादी के अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. आजाद भारत ने पिछले 75 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में जो कीर्तिमान स्थापित किये वे बेहद खास हैं. भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की तरह बढ़ रहा है और इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, चिकित्सा क्षेत्र इनमें से एक है. चिकित्सा के क्षेत्र में भारत में कई क्रांतिकारी विकास कार्य हो रहे हैं. आज जटिल से जटिल चिकित्सा सेवा भी भारत में आसानी से उपलब्ध हो रही है. जोधपुर एम्स भी भारत की प्रगति का प्रमाण है, यह पश्चिमी भारत में स्थित केंद्र शासित प्रदेश तृतीय स्तर अस्पताल है. इसके जरिए सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं गरीब से गरीब जनता व गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को मिल रही हैं. 


एंटीबायोटिक्स का बेवजह इस्तेमाल बन रहा घातक


इस सब से इतर एक तथ्य ऐसा भी है जो भारत की प्रगति में रोड़ा बना हुआ है और उस तथ्य का नाम है भारत में एंटीबायोटिक्स का बेजां और विवेकहीन इस्तेमाल. अत्यधिक गंभीर विषय होने के बादजूद इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बेहद कम चर्चा होती है. भारत में तेजी से बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध या एंटीबायोटिक्स रेसिस्टेंस (antibiotic-resistants) एक गंभीर मुद्दा है. दरअसल विकसित देशों की तरह भारत में रोगियों को एंटीबायोटिक प्रदान करने को लेकर कोई ठोस नियम लागू नहीं है.


जोधपुर एम्स के डायरेक्टर संजीव मिश्रा ने बताया कि एंटीबायोटिक के इस्तेमाल के लिए हमें कुछ क्रांतिकारी कदम उठाने की जरूरत है.  उन्होंने कहा कि अक्सर मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी मर्जी से ही एंटीबायोटिक खा लेते हैं इन सब के दुष्परिणाम स्वरुप आज भारत में एक भयावह स्थिति पैदा हो गयी है तथा ऐसे रोगाणु (बैक्टीरिया ) तेजी से उत्पन्न हो रहे ही जिनपर किसी भी एंटीबायोटिक्स का कोई असर नहीं होता, ऐसे रोगाणुओं से संक्रमित व्यक्ति का इलाज कोरोना की तरह दुष्कर होता है. स्थिति यह है की इस तरह के रोगाणुओं का नाम भी विश्व भर में भारत के शहरों के नाम पर रखा जाता है.


एम्स निकालेगा एंटीबायोटिक को लेकर जागरूकता रैली


इस परिस्थिति से आम जनमानस को परिचित करने के लिए एम्स जोधपुर 14 अगस्त को जागरूकता मार्च , "वाक-आ-थांन" का आयोजन करने जा रहा है, यह पैदल यात्रा सुबह 6 बजे एम्स जोधपुर से प्रस्थान कर अशोक उद्यान तक जाएगी. एम्स जोधपुर ने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से इस अभियान के साथ जुड़ने की अपील की है, ताकि इस स्थिति को भविष्य में महामारी बनने से रोक जा सके , इसी क्रम में एम्स जोधपुर 27 व 28 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन भी करने जा रहा है, जो कि एंटीबायोटिक्स रेसिस्टेंस के विषय पर युवा डॉक्टर्स को प्रशिक्षित करने का एक प्रयास है.


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