Rajasthan: थानाधिकारी ने बेगुनाह को गिरफ्तार कर भिजवाया जेल, काली करतूत सामने आने पर IG ने किया सस्पेंड
Rajasthan Police News: बेड़ा ने 12 सितंबर 2022 को एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज प्रकरण में कार के रजिस्ट्रेशन के आधार पर लक्ष्मीचंद वैष्णव को नवंबर 2022 में गिरफ्तार कर चालान पेश किया था.
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Rajasthan News: एक बेगुनाह को गुनहगार साबित कर गिरफ्तार करने और उसे जेल भिजवाने के मामले में अजमेर रेंज आईजी रूपिंदर सिंह (Rupinder Singh) ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने इस मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए ब्यावर (Beawar) सदर थानाधिकारी चेनाराम बेड़ा को सस्पेंड कर दिया है. निलंबन अवधि के दौरान बेड़ा को अजमेर (Ajmer) पुलिस लाइन में उपस्थिति देनी होगी.
पति को न्याय के लिए दर-दर भटकती रही पत्नी
अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रूपिंदर सिंह ने एक आदेश जारी कर मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में जांच में लापरवाही बरतने पर ब्यावर सदर थाना प्रभारी चेनाराम बेड़ा को निलंबित कर दिया है. दरअसल, बेड़ा ने 12 सितंबर 2022 को एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज प्रकरण में कार के रजिस्ट्रेशन के आधार पर लक्ष्मीचंद वैष्णव को नवंबर 2022 में गिरफ्तार कर चालान पेश किया था. वैष्णव की गिरफ्तारी पर उसकी पत्नी शोभा ने थाना प्रभारी बेड़ा से लेकर पुलिस के उच्च अधिकारियों को बताया कि उनके पति बेगुनाह है. सभी जगह गुहार लगाने पर भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
आईजी की जांच में मिली लापरवाही
इसके बाद पीड़ित की पत्नी ने आईजी रूपिंदर सिंह से मुलाकात कर सारा वाक्या सुनाया. महिला की बात सुनने के बाद आईजी ने मामले की जांच के आदेश दिए. आईजी के आदेश पर की गई जांच में सदर थाना प्रभारी की जांच संदिग्ध मिली. जांच में सामने आया कि पूर्व में किए जांच में पत्रावली के तथ्य नजरअंदाज कर कार मालिक लक्ष्मीचंद वैष्णव को गिरफ्तार करना गलत था. इस मामले में 9 मार्च को कार मालिक लक्ष्मीचंद वैष्णव को कोर्ट ने भी जमानत पर रिहा कर दिया. इस पूरे मामले को आईजी ने गंभीर लापरवाही मानते हुए सीआई चेनाराम बेड़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
तथ्य नजरअंदाज करना पड़ा महंगा
ब्यावर सदर थाना पुलिस ने 12 सितंबर 2022 को उदयपुर रोड बाईपास से तस्करी के शक में एक कार को पकड़ा था. तस्करों ने पुलिस जीप को टक्कर मारने का प्रयास करते हुए उदयपुर रोड की तरफ भागने की कोशिश की थी. इस दौरान उदयपुर रोड बाईपास पर बैरिकेड लगाकर पुलिस ने तस्कर जोधपुर के लूणी निवासी सुनील विश्नोई और बाड़मेर निवासी शेखर बिश्नोई को दबोच लिया था. कार से दस कट्टों में 185 किलो 600 ग्राम डोडा पोस्त जब्त किया था. गिरफ्तारी के समय तस्कर सुनील विश्नोई व शेखर बिश्नोई ने पुलिस पड़ताल में वाहन अन्य व्यक्ति से लाने की बात कही थी. इस कार जोधपुर निवासी लक्ष्मीचंद वैष्णव ने बेच दी थी. वैष्णव की पत्नी ने सीआई बेड़ा को कार बेचने के एग्रीमेंट के दस्तावेज भी दिखाए थे. इसके बावजूद सीआई ने वाहन बेचने के तथ्य को नजरअंदाज कर कार मालिक लक्ष्मीचंद वैष्णव को गिरफ्तार कर लिया.
सीआई चेनाराम ने की लापरवाही
अजमेर रेंज आईजी रूपिन्दर सिंह ने इस मामले में बताया कि एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में ब्यावर सदर थाना प्रभारी चेनाराम बेड़ा ने तथ्य को नजरअंदाज किया. इसके साथ ही एक निर्दोष को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया, जबकि, उनका वाहन पहले ही बिक चुका था, लेकिन खरीदार ने उसे अपने नाम नहीं करवाया. पूछताछ नोट में तस्करों ने कार तीसरे शख्स से लेकर आना कबूला थी. जांच में सभी तथ्य सामने आए हैं. लिहाजा, किसी निर्दोष को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना घोर लापरवाही है. किसी बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए.
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