उत्तरी चीन में बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होने की बीमारी बढ़ रही है. वहीं इसे लेकर राजस्थान में अलर्ट जारी किया गया है. हेल्थ विभाग के डायरेक्टर की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें हॉस्पिटल्स में दवाइयां, ऑक्सीजन के अलावा जांच के पूरे पुख्ता इंतजाम करने की बात कही गई है.
इसके साथ ही 29 नवंबर को सभी मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटल के अधीक्षक और प्रिंसिपल को मॉकड्रिल के निर्देश दिए गए हैं. राजस्थान में पहले से ही कोरोना को लेकर लगातार परीक्षण चले रहे हैं. मगर, केस की संख्या शून्य हैं. यहां पर पूरे इंतजाम किये जा रहे हैं.
राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने चीन में फैली इस नई बीमारी से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की है. इन्फ्लूएंजा, माइक्रोप्लाजामान्यूनिमोनिया एवं सार्सकांव-2 से इस बीमारी के होने की बात कही जा रही है.
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में श्वसन रोग एवं विशेषकर कोविड-19 व म्यूकोरमाइकोसिस के रोगी भार नहीं है. शून्य केस रिपोर्ट हो रहे हैं. सर्वेलेंस के लिए पूर्व में प्रदेश के चिकित्सा विभाग को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. संक्रामक रोगों से बचाव नियंत्रण के लिए विभाग में पूर्ण तैयारी की गई है.
शुभ्रा सिंह ने बताया विभाग द्वारा चिकित्सा संस्थानों पर कोविड-19 संबंधित तैयारी के जायजा लिए जाने के लिए 28 नवंबर को एक वीसी का आयोजन किया जा रहा है. इसमें संयुक्त निदेशक जोन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों पैरामेडिकल कॉलेज के संबंधित अधिकारियों आदेश दिया गया है. 29 नवंबर को मॉकड्रिल आयोजित करते हुए सहित निदेशक जोन मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी और उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्तर पर निरीक्षण कराया जाना है.
क्या हैं लक्षण
खांसी, गले में दर्द या खराश, बुखार, फेफड़े में सूजन, सांस नली में सूजन होने की बात सामने आ रही है.
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