राजस्थान की बेटी अन्नपूर्णा का कमाल, UNESCO की वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट के लिए हुआ चयन, 59 सेकंड के वीडियों में दिए ये सुझाव
Rajasthan News: राजस्थान की 17 वर्षीय छात्रा अन्नपूर्णा कृष्णावत को यूनेस्को (UNESCO) की वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट (World Teen Parliament) में एक प्रभावशाली सांसद के रूप में चुना गया है.
Rajasthan Annapurna selected for UNESCO World Teen Parliament: उदयपुर (Udaipur) के लुंडा गांव की रहने वाली 17 वर्षीय अन्नपूर्णा कृष्णावत (Annapurna Krishnavat) को यूनेस्को (UNESCO) की वर्ल्ड टीन पार्लियामेंट (World Teen Parliament) में एक प्रभावशाली सांसद के रूप में चुना गया है. इस संसद के लिए आवेदन पिछले साल जुलाई में मंगाए गए थे. इसका थीम 'दुनिया को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है' था. किशोरों को वीडियो अपलोड करने के लिए कहा गया जिसके बाद दुनिया भर से करीब 72,000 किशोर आगे आए, जिनमें से पहले 300 बच्चों का चयन किया गया. इसके बाद जोनल लाइन वोटिंग के जरिए टॉप 200 का चयन किया गया, जिसमें अन्नपूर्णा भी शामिल थी. इन 200 प्रतिभागियों में शामिल अन्नपूर्णा ने 59 सेकंड के वीडियो में डिजिटल वर्किंग और पेपरलेस वर्क को बढ़ावा देने का सुझाव दिया.
डिजिटल मीटिंग के लेकर कही ये बात
अन्नपूर्णा ने अपने वीडियो में कहा, "मंत्रियों और नेताओं की डिजिटल मीटिंग से पैसे और होटलों में ठहरने और आने-जाने में लगने वाले समय की बचत होगी. इस पैसे का इस्तेमाल सही काम के लिए किया जा सकता है." अन्नपूर्णा ने कैबिनेट में मंत्रियों के चयन के तरीके पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री के चयन का आधार विभाग का ज्ञान होना चाहिए. अन्नपूर्णा का मानना है कि मंत्री का पद धारण करने वाले व्यक्ति को अपने विभाग के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. जैसे शिक्षा मंत्री को बेहतर शिक्षित होना चाहिए, वैसे ही स्वास्थ्य मंत्री को चिकित्सा पेशे से होना चाहिए. उन्होंने पूछा कि यदि किसी व्यक्ति के पास विभाग से संबंधित योग्यता नहीं है और उसकी कोई पृष्ठभूमि नहीं है, तो वो विभाग को कैसे संभालेगा.
शिक्षा नीति में बदलाव की कही बात
अन्नपूर्णा ने शिक्षा नीति में बदलाव की भी बात कही. उन्होंने तर्क दिया कि, "आज की शिक्षा नीति कहती है- पढ़ाई करो और डिग्री हासिल करो. कुछ काम करना शुरू करो और पैसा कमाओ. लेकिन, शिक्षा का मतलब पैसा कमाना नहीं है, बल्कि ज्ञान अर्जित करना है." उन्होंने ये भी कहा कि, "हर व्यक्ति के पास रहने के लिए जगह होनी चाहिए, नागरिकों को देश में सुरक्षित महसूस करना चाहिए."
पिता किसान और माता हैं गृहिणी
अन्नपूर्णा के पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं. चयन करने वाली यूनेस्को की टीम ने शिक्षा और भारतीय राजनीति पर उनके विचारों के आधार पर अन्नपूर्णा का नाम शॉर्टलिस्ट किया.
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