Rajasthan: जेल में आसाराम की एक बार फिर बिगड़ी तबीयत, सीने में दर्द के बाद जोधपुर AIIMS में भर्ती
Jodhpur: आसाराम के हृदय से जुड़ी दो नसें पूरी तरह से ब्लॉक हो गई हैं. जोधपुर एम्स में उनकी एन्जियोग्राफी के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन उनके निजी डॉक्टर इससे इनकार कर रहे हैं.
Rajasthan News: जोधपुर (Jodhpur) सेंट्रल जेल में अपने ही गुरुकुल की नाबालिक छात्रा से दुष्कर्म करने के मामले में अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम (Aasaram) की एक बार फिर बुधवार (10 जनवरी) को तबीयत खराब हो गई. आसाराम के सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें एम्स अस्पताल ले जाया गया. जहां जांच के बाद उन्हें भर्ती किया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आसाराम की जेल में तबीयत खराब हो गई थी. जेल डिस्पेंसरी में जांच के बाद उन्हें एम्स रेफर किया गया. कड़ी सुरक्षा में आसाराम को एम्स लाया गया, जहां इमरजेंसी में जांच की गई. कुछ और जांच करवाने के लिए डॉक्टरों की टीम ने आसाराम को अस्पताल में ही रखने का फैसला लिया है. आसाराम को एम्स अस्पताल में पुलिस सुरक्षा गार्ड और हथियारबंद जवानों की तैनाती में भर्ती किया गया है.
आसाराम को तीन बार आया हार्ट अटैक
आसाराम के भक्त बम बम ठाकुर का कहना है कि जोधपुर सेंट्रल जेल में पिछले 11 सालों से आसाराम बंद हैं, उनको पेरोल का अधिकार है, लेकिन उन्हें पेरोल तक नहीं दी जा रही है. आसाराम के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार क्यों? हाइ कोर्ट में सुनवाई चल रही है. आसाराम की और से हलफनामा दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि पिछले दो महीने में आसाराम को जेल में तीन बार हार्ट अटैक आ चुका है.
आसाराम के डॉक्टर ने एन्जियोग्राफी के लिए किया मना
आसाराम को पहला हार्ट अटैक 8 नवंबर को, दूसरा 27 दिसंबर और तीसरा 31 दिसंबर को आया और अभी भी उनके सीने में दर्द बना हुआ है. वहीं सूत्रों से यह भी जानकरी प्राप्त हुई है कि उनके हृदय से जुड़ी दो नसें पूरी तरह से ब्लॉक हो गई हैं. जोधपुर एम्स में उनकी एन्जियोग्राफी के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन आसाराम के निजी डॉक्टर का कहना है कि उनकी किडनी खराब है और उन्हें डाइबीटीज भी है. साथ ही उनकी उम्र अब 86 साल हो गई है, ऐसे में एंजियोग्राफी उनके लिए खतरनाक हो सकती है.
इलाज के लिए हाई कोर्ट ने क्या कहा?
इसलिए वह पिछले दो महीने से जोधपुर हाई कोर्ट से पेरोल मांग रहे हैं, ताकि वो इलाज करवा सकें, लेकिन उन्हें कुछ राहत नहीं मिल रही है. 15 दिसंबर को उनके पेरोल की बहस पूरी हो गई थी, कोर्ट ने ऑर्डर सुरक्षित रख लिया है. इसके बाद 5 जनवरी को आसाराम की SOS पर कोर्ट में सुनवाई हुई. सीनियर एडवोकेट देव दत्त कामत ने पैरवी करते हुए कोर्ट को आसाराम की बीमारियों से अवगत करवाया, जिसमें दो बार हार्ट अटैक का भी जिक्र था. तब कोर्ट ने उनको इलाज के लिए आयुर्वेदिक हॉस्पिटल महाराष्ट्र के माधव बाग में भेजने को तैयार हुई, लेकिन शर्त यह थी कि इलाज सहित न्यायिक हिरासत में जो भी खर्चा होगा वह आसाराम को ही वहन करना होगा.