CM Ashok Gehlot On Religious Fair: रंग-बिरंगी कला-संस्कृति और धर्म क्षेत्र के कारण पूरी दुनिया में विख्यात राजस्थान (Rajasthan) को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कवायद शुरू कर दी है. सरकार की मंशा है कि राजस्थान धार्मिक पर्यटन के एक शानदार केंद्र के रूप में विकसित हो. राज्य के सभी धार्मिक स्थल सुंदर बनें और सभी सुविधाओं से युक्त हों.


सीएम गहलोत ने अधिकारियों से की चर्चा


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर धार्मिक स्थलों पर मेलों और अन्य आयोजनों में सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में बैठक आयोजित की. सीएम ने कहा कि राज्य में धार्मिक मेलों के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए राज्य सरकार संकल्पित होकर कार्य कर रही है. इसके लिए धर्म-गुरुओं और सामाजिक संस्थानों के साथ समन्वय कर कार्य किया जा रहा है. धार्मिक स्थलों और तीर्थ स्थानों का विकास करवाने के लिए पेयजल, शौचालय, पार्किंग, सड़क मार्गों, आधारभूत संरचनाओं का विकास सहित सभी मांगों पर सरकार द्वारा विचार किया जाएगा और इसके लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बैठक का विशेष मकसद धर्म गुरुओं और मेलों के आयोजन से जुड़े लोगों से संवाद कर उनके सुझाव प्राप्त करना था.


श्रद्धालुओं को दर्शन में ना हो असुविधा


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि धार्मिक मेलों के आयोजन में इस प्रकार की व्यवस्था की जाए कि दूरदराज से आए श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी प्रकार की असुविधा ना हो. मेलों के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन और मेला समिति में अच्छा समन्वय आवश्यक है. दोनों के बीच नियमित अंतराल पर बैठकें होती रहनी चाहिए.


राज्य सरकार प्रतिनिधियों से करेगी संवाद


मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बड़े तीर्थ स्थलों के साथ छोटे मंदिरों में प्रबंधन संबंधी समस्याओं के निस्तारण के लिए राज्य सरकार इनके प्रतिनिधियों से भी संवाद स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि सभी मेलों में एंबुलेन्स, फायर ब्रिगेड़ और सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. मंदिरों के दर्शन में बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं को प्रमुखता दी जाए और सुरक्षा के प्रबंध चाक-चौबंद हों. श्रद्धालुओं की ज्यादा आवक वाले धार्मिक स्थानों पर भीड़ प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए जाए.


राज्य बने धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोजित होने वाले धार्मिक मेलों में बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश, गुजरात सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. उन्हें हर प्रकार की सुविधा और सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. सरकार की मंशा है कि राजस्थान धार्मिक पर्यटन के एक शानदार केंद्र के रूप में विकसित हो. राज्य के सभी धार्मिक स्थल सुंदर बनें और सभी सुविधाओं से युक्त हों. धार्मिक मेलों के सुरक्षित अयोजन के लिए पर्यटन विभाग की ओर से एक सितम्बर से जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए.


देवस्थान मंत्री ने दिए यह सुझाव


देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि विभाग की ओर से सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. स्थानीय निकायों की मंदिर समितियों से समन्वय कर आवश्यक अनुमतियां प्रदान की जानी चाहिए, ताकि सुविधाओं का विकास समयबद्ध तरीके से हो सके.


मेला प्राधिकरण कर रहा सुरक्षा इंतजाम


राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा ने कहा कि मेला प्राधिकरण प्रदेश की मेला समितियों से समन्वय कर धार्मिक मेलों के सुरक्षित आयोजन के लिए निरन्तर कार्य कर रहा है. इसके लिए समय-समय पर विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं. पैदल यात्रियों की सुरक्षित पदयात्रा के लिए जिला प्रशासन से समन्वय कर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. सीमावर्ती जिलों में पड़ोसी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षित आवक के लिए व्यवस्था कर रहे हैं. मेला स्थलों पर सुरक्षित आगमन और निकासी हेतु मंदिर समितियों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है.


मेलों के लिए प्रशासन सतर्क


मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ स्थानों पर सुविधाओं के विकास के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है. इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए हैं. राज्यों में आयोजित होने वाले बड़े मेलों के सफल आयोजन के लिए प्रशासन सतर्कता से कार्य कर रहा है. बैठक के दौरान राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधिगण वीसी के माध्यम से जुडे़ और वहां होने वाले मेलों के आयोजन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की और अपने सुझाव दिए.


इन मेलों के प्रतिनिधि हुए शामिल


बैठक में खाटूश्यामजी मेला सीकर, उर्स मेला अजमेर, श्री बाबा रामदेवजी का मेला रामदेवरा, सांवलिया सेठ जी का मेला चित्तौडगढ़, नाथद्वारा का मेला राजसमंद, गोगामेडी मेला हनुमानगढ़, श्री मेहन्दीपुर बालाजी दौसा और सालासर मेला चूरू के प्रतिनिधिगण शामिल थे. स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल, पर्यटन मंत्री मुरारीलाल मीणा, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव, पुलिस महानिदेशक मोहनलाल लाठर, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग अभय कुमार, महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में विभिन्न जिलों से कलेक्टर और संभागीय आयुक्त भी वीसी के माध्यम से जुड़े.


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