Rajasthan Government: राजस्थान सरकार ने भगवान देवनारायण की जयंती (शनिवार, 28 जनवरी) पर राज्य में राजकीय अवकाश घोषित किया है. एक सरकारी बयान के अनुसार आमजन की आस्था और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने यह निर्णय लिया. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शनिवार को भीलवाड़ा जिले के आसींद के गांव मालासेरी में गुर्जर समाज के लोकदेवता भगवान देवनारायण के 1111वें प्राकट्योत्सव में शामिल होंगे. मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है.


खेल मंत्री ने लिखा था पत्र


देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह अवाना, उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर भगवान देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित करने की मांग की थी. भगवान देवनारायण की एक गौरक्षक, असहाय लोगों के कष्टों का निवारण करने वाले लोक देवता और पराक्रमी योद्धा के रूप में आराधना की जाती है. राजस्थान और अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के श्रद्धालुओं द्वारा भगवान श्री देवनारायण की पूजा की जाती है.


भगवान देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मताबिक देवनारायण का जन्म राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में आसींद विधानसभा क्षेत्र के मालासेरी गांव में राजा सवाई भोज के घर हुआ था. उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर भगवान विष्णु की कठिन साधना की थी. उन्होंने गुरुओं से तंत्र शित्रा प्राप्त की और युवावस्था में शक्तिशाली योद्धा बन गये. देवनारायण ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार दिखाये हैं. वे राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे को अपनी शक्तियों से ठीक कर चुके हैं. इसके बाद देवनारायण  का विवाह उन्हीं के साथ हो गया. देवनारायण ने सूखी नदी में पानी पैदा करना, सारंग सेठ को पुनर्जीवित कर देना, छोंछु भाट को जीवित करने जैसे कई चमत्कार दिखाए हैं. देवनारायण ने अपनी शक्तियों का उपयोग लोक कल्याण में किया. ऐसे कई कारण हैं जिस वजह से लोग उनक पूजा करते हैं.


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