Rajasthan News: राजस्थान में ग्राम पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी पैराटीचर्स और मदरसा पैराटीचर्स की बल्ले-बल्ले हो गई है. राजस्थान सरकार ने उनके मानदेय में बढ़ोतरी कर दिया है. इसकी बहुत दिनों से मांग चल रही थी. सरकार के इस कदम को चुनावी भी माना जा रहा है. हालांकि, सरकार के ऊपर एक बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने इनकी मांगों को मानते हुए इनके मानदेय में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है.
दरअसल जब पिछले दिनों राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अशोक गहलोत सरकार को यह भी कहा था कि मानदेय में बढ़ोतरी करनी चाहिए. साथ ही साथ महात्मा गांधी स्कूलों में बड़ी संख्या में अंग्रेजी के शिक्षक रखे जाने की उन्होंने वकालत भी की थी. माना जा रहा है उन्हीं बातों को अमल करते हुए इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं.
इतना बढ़ाया गया मानदेय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स एवं मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. अब प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स व मदरसा पैराटीचर्स के मासिक मानदेय को बढ़ाकर 16,900 रुपए कर दिया गया है.
इस बढ़ोतरी का लाभ बीएड, बीएसटीसी अथवा डीएलईडी की शैक्षणिक योग्यता वाले संविदाकर्मियों को देय होगा. इसके अतिरिक्त, प्रस्ताव में शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक एवं मदरसा पैराटीचर्स का पदनाम संशोधित कर क्रमशः सहायक शिक्षक, कनिष्ठ शिक्षक, पंचायत शिक्षक एवं शिक्षा अनुदेशक कर दिया गया है.
पदनाम में ग्रेड-2 व ग्रेड-1 कर दिया गया
इसके साथ इन सभी पदों पर कार्यरत संविदाकर्मियों को 9 साल और 18 साल की संविदा सेवा अवधि पूरी करने पर मासिक मानदेय बढ़ाकर क्रमशः 29600 एवं 51600 रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा पदनाम में क्रमशः ग्रेड-2 व ग्रेड-1 जोड़ने का प्रावधान भी किया गया है. इन नियमों के अंतर्गत आने से पूर्व अगर किसी संविदाकर्मी को नए निर्धारित मानदेय से ज्यादा मानदेय प्राप्त हो रहा है तो उनके मानदेय को संरक्षित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के अंतर्गत उच्चतर मानदेय एवं पदनाम मिलने से संविदाकर्मियों के एक बड़े वर्ग को लाभ होगा.
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