Rajasthan News: राजस्थान में नई एमएसएमई नीति-2022 (New MSME Policy-2022) से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. राज्य की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot government) की नई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) नीति का लक्ष्य राज्य में 20 हजार नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना है. इसमें 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश होने और एक लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होने की उम्मीद है. सरकार इसके लिए मदद करने के लिए आगे आ रही है. लोगों को लोन भी दिए जा रहे हैं. राज्य की उद्योग मंत्री ने इसके बारे में जानकारी दी है.


मंत्री रावत ने क्या कहा
जानकारी के मुताबिक, राज्य की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत (Industries Minister Shakuntala Rawat) ने कहा कि राज्य सरकार एमएसएमई क्षेत्र के लिए बेहतर रेगुलेटरी माहौल बनाएगी. यह नीति 9,000 एमएसएमई को जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (ZED) सर्टिफिकेशन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगी. इसकी वजह से उत्पादकता बढ़ेगी, बर्बादी कम होगी, ऊर्जा की बचत होगी और पर्यावरण के प्रति भी लोगों में जागरूकता बढ़ेगी.


राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई सेक्टर का योगदान 24.5% होने का अनुमान है, जबकि 2021-22 के दौरान एमएसएमई उद्योगों द्वारा कुल निर्यात 72,000 करोड़ रुपये था. मंत्री रावत ने कहा कि उद्योग लगाने के लिए छोटे कारोबारियों और निवेशकों की मदद की जा रही है. सरकार की कोशिश है कि नई इकाई लगाने के लिए उनको आसान शर्तों पर लोन मिल जाए. उन्होंने कहा कि लोन देने के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.


क्या था इसका मकसद
बता दें कि राज्य की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने हाल ही में एमएसएमई पॉलिसी-2022 की शुरुआत की थी. इसका मकसद राज्य के जीडीपी और निर्यात में एमएसएमई सेक्टर का योगदान बढ़ाना था. राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और औद्योगिक विकास होगा. उद्योग मंत्री ने कहा था कि हस्तशिल्प नीति से इस सेक्टर में आने वाले 5 सालों में 50 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे.


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