Rajasthan: राजस्थान (Rajasthan) की सरकार राजस्व पर अतिरिक्त बोझ को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने सरकारी कार्यों के लिए पेपरलेस और डिजिटल होकर लगभग 300 करोड़ रुपये की बचत की है. गौरतलब है कि सरकार को आम नागरिकों के करीब लाने का काम कर रहा राजस्थान का राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre) अब लोगों की सहूलियत के लिए ई-टेक्नोलॉजी (e-technology का अधिक से अधिक उपयोग करने का प्रयास कर रहा है.
IFMDS के जरिए कौन से कार्य होते हैं
राजस्थान राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी, जितेंद्र के वर्मा ने कहा कि डिजिटलीकरण के साथ, सरकारी नौकरी के आवेदन, फाइनेंशियल एप्लिकेशन, बजट का वितरण, पेमेंट, व्यय, रसीदें इंटर-डिपार्टमेंट, वर्क ऑर्डर, लेखा और विभिन्न प्रकार के कार्य ऑनलाइन. एकीकृत वित्तीय प्रबंधन और वितरण प्रणाली (IFMDS) के माध्यम से किए जाते हैं.
गौरतलब है कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी ऑनलाइन वितरित की जाती है और इसलिए आम आदमी को समय पर और बिना सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटे लाभ मिलता है. बता दें कि सरकारी कार्यों को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए सरकार अब आईएफएमडीएस के माध्यम से ऑडिट जनरल को डिजिटल वाउचर और अकाउंट भी प्रस्तुत कर रही है. इसके अलावा IFMDS ने डुप्लीकेट भुगतान भी बंद कर दिया है, और पेंशन वेतन सीधे अकाउंट में समय पर दी जाती है.
ई-टेक्नोलॉजी के माध्यम से शुरू किया गये प्रमुख कार्यक्रम में से एक PCTS है
राज्य सरकार द्वारा ई-टेक्नोलॉजी के माध्यम से शुरू किए गए प्रमुख कार्यक्रमों में से एक प्रेगनेंसी और चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (PCTS) है. पीसीटीएस ऐप के माध्यम से सहायक नर्सिंग मिडवाइव्स (ANMs) क्षेत्र से प्रत्यक्ष जानकारी अपडेट कर सकते हैं और विभाग टीकाकरण और अन्य देखभाल कार्यक्रमों के लिए मां और बच्चे का ट्रैक रख सकते हैं.
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