Rajasthan News: राजस्थान में बिजली संकट (Power Crisis) से जूझ रहे आम जन के लिए सुखद खबर है. आमजन को राहत देने के लिए सरकार 3 नए थर्मल बेस पावर प्लांट (Thermal Power Plant) लगाएगी जिससे 2500 मेगावाट से अधिक बिजली प्रोडक्शन बढ़ जाएगा. यहां बारां (Baran) जिले के छबड़ा थर्मल पावर प्लांट, झालवाड़ (Jhalawar) जिले के कालीसिंध थर्मल प्लांट में राज्य सरकार द्वारा यह इकाइयां लगाईं जाएंगी. राजस्थान में कोल बेस्ड पावर प्लांट्स यूनिट्स की कुल कैपेसिटी 7580 मेगावाट है. 


इनमें से 3240 मेगावाट कैपेसिटी के प्लांट कोल इंडिया की कोयला सप्लाई लेते हैं जबकि 4340 मेगावाट प्लांट राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की छत्तीसगढ़ में खुद की कैप्टिव कोल माइंस से लिंक्ड हैं, जहां नए प्लांट कम कीमत पर लगाए जा सकते हैं. अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट ज्यादा ईको फ्रेंडली हैं. पुरानी पावर यूनिट्स में कार्बन और गैसों का उत्सर्जन ज्यादा होता है. कोयले की खपत भी अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट्स में कम आती है. 


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बारां में 660 मेगावाट की 2 इकाइयां 
बारां थर्मल प्लांट में 660-660 मेगावाट क्षमता की दो नई इकाइयां होंगी. इसे अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक के माध्यम से स्थापित किया जायेगा और 9606.06 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के साथ ही राज्य को मेगावाट अधिक मिलेगी. साथ ही बिजली की किल्लत कम होने की आशंका भी कम रहेगी. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के छबड़ा तापीय विद्युत परियोजना, कालीसिंध थर्मल पवार प्लांट का विस्तार करते हुए नए प्रोजेक्ट का अनुमोदन सरकार द्वारा कर दिया गया है जिसमें मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट के अंदर यह दोनों इकाइयां स्थापित की जाएगी.


चीफ इंजीनियर ने क्या बताया
सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट छबड़ा के चीफ इंजीनियर मोहसिन खान ने बताया, छाबड़ा थर्मल पावर प्लांट की कुल बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 3660 मेगावाट हो जाएगी. मोतीपुरा स्थित छबड़ा थर्मल पावर प्लांट में 250-250 मेगावाट की चार इकाई स्थापित है. वहीं छबड़ा सुपर क्रिटिकल प्लांट में 660-660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की जाएंगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व में पेश किए बजट में थर्मल प्लांट में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट के तहत 660-660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की थी जिस प्रस्ताव पर सरकार ने अनुमोदन कर दिया है. सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट योजना से कोयले की बचत, प्रदूषण में कमी और पर्यावरण संरक्षण के लिए इस तकनीक को अजमाया गया है.


कालीसिंध में 800 मेगावाट की इकाई 
झालावाड़ जिले के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में भी 800 मेगावाट कैपेसिटी का एक अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा. प्रपोजल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अप्रूव कर दिया है. स्वीकृति मिलने के साथ ही अब इन प्रोडक्ट्स का काम शुरू हो जाएगा. अगले 4 साल में ये यूनिट्स चालू हो जाएंगी. कालीसिन्ध थर्मल प्रोजेक्ट के विस्तार में 6054.58 करोड़ रूपए की लागत से 1 अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट लगेगी. राजस्थान सरकार बिजली प्रोडक्शन में प्रदेश को सेल्फ डिपेंडेंट बनाना चाहती है. इन यूनिट्स के लगने से लोकल एरिया का विकास होगा. साथ ही रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी. 


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