राजस्थान की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार का बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion)टलने के आसार बन रहे हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Sachin Pilot)ने शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. गहलोत ने पार्टी नेतृत्व को समझाया है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार को कुछ महीने के लिए टाल दिया जाए तो कांग्रेस (Congress) को राज्यसभा में चार सीटें मिल सकती हैं. पार्टी इससे सहमत नजर आ रही है.  


सचिन पायलट की बगवात के बाद उन्हें और उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. लेकिन मामला सुलझने के बाद से सचिन पायलट गुट नई नियुक्तियों के इंतजार में है. अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार की खबरें कई बार आईं. लेकिन विस्तार नहीं हुआ. पिछले कुछ दिनों से गहलोत कैबिनेट के विस्तार की चर्चा है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान के दोनों खेमों से मिलकर चर्चा की है. 


गहलोत क्यों रोकना चाहते हैं मंत्रिमंडल का विस्तार


अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार में सहयोगी दलों और निर्दलियों को ठीक से जगह नहीं मिली तो राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. करीब दो साल पहले तक राज्य सभा में राजस्थान से कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था. लेकिन गहलोत ने उसे 2 तक पहुंचा दिया है. अशोक गहलोत खेमे का कहना है कि अगले साल होने वाले राज्य सभा चुनाव में 4 में से 3 सीटें कांग्रेस जीत सकती है. इसके लिए उसे निर्दलियों और छोटे दलों के सहयोग की जरूरत होगी. कांग्रेस अगर 3 सीटें जीत लेती है तो राज्य सभा में राजस्थान से उसके सदस्यों की संख्या 5 हो जाएगी. बीजेपी के राज्य सभा सदस्य ओमप्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और एचएस डूंगरपुर का कार्यकाल अगले साल जुलाई में खत्म हो रहा है.  


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राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 108, बीजेपी के 71, निर्दलीय 13, सीपीएम के 2, राष्ट्रीय डेमोक्रेटिक पार्टी के 3, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 और रालोद के 1 विधायक हैं. राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव 2023 में होना है. इसके अगले ही साल 2024 में लोकसभा का चुनाव भी होना है. इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस अपनी रणनीति बना रही है. उसकी कोशिश है कि अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल के विस्तार में जमीनी कार्यकर्ताओं को जगह मिले. जिसका फायदा चुनावों में उठाया जा सके.  


क्या कांग्रेस अपनाएगी एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला


मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कांग्रेस के दोनों गुटों ने अपने-अपने लोगों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी है. नामों पर शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी जरूरी होगी. कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार में 'एक व्यक्ति, एक पद' का फॉर्मूला अपना सकती है. इसके तहत गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है. गोविंद सिंह डोटासारा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हरीश चौधरी पंजाब के प्रभारी और रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी हैं. तीनों नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी ही निभानी होगी. अगर ये मंत्रिमंडल छोड़ते हैं तो 12 मंत्रियों की जगह खाली होगी. ऐसे में अगर गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, तो एक नई कैबिनेट आकार लेगी. 


राजस्थान कांग्रेस की जो हालत है, उसमें अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. लेकिन वो पार्टी नेतृत्व से टकराव भी नहीं चाहते हैं. इससे बचने के लिए वो जितना हो सके मंत्रिमंडल विस्तार को टालना चाहते हैं. इस तरह वो सचिन पायलट खेमे को अपनी अहमियत भी बताने की कोशिश कर रहे हैं. 


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