Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा का कैसा रहस्य? कभी एक साथ नहीं बैठ पाए 200 विधायक
Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल चर्चा इस बात की है कि आखिर इस विधानसभा में 200 विधायक कभी एक साथ क्यों नहीं बैठ पाए.
Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन होने के बाद राजस्थान विधानसभा एक बार फिर चर्चा में है. देश में चर्चा इस बात की हो रही है कि इस विधानसभा में कभी भी 200 विधायक एक साथ नहीं बैठे. प्रदेश की मौजूदा 15वीं विधानसभा में बीते 4 साल के भीतर 6 विधायकों की मौत हो चुकी है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पूर्व भी 14वीं विधानसभा के कार्यकाल में विधायक की मौत हुई. इन मौतों को असामान्य मानते हुए विधानसभा के कई सदस्य तो इस नई बिल्डिंग को अशुभ बताते हैं. विधायक यहां हवन पूजा कराने और वास्तु दोष सुधारने की मांग भी कर चुके हैं.
राजस्थान में रविवार को 77 वर्षीय कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया. बीते चार साल में यह छठी मौत थी. इससे पहले भी वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पांच विधायकों की मौत हो चुकी है.
इनमें एक महिला विधायक भी थी. कोरोना काल में मंत्री और सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक मास्टर भंवरलाल, राजसमंद से भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी, सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धरियावद से भाजपा विधायक गौतमलाल मीणा का निधन हुआ था. इन पांच विधायकों का निधन होने के बाद उपचुनाव हुए और पांच नए विधायक चुने गए. मगर संयोग है कि अब भंवरलाल का निधन होने के बाद एक बार फिर 200 विधायक पूरे नहीं रहे.
तब विधायक बोले- 'यहां भूतों का साया'
बीते 21 साल से सूबे में इस बात की चर्चाएं होती रहीं कि विधानसभा की नई बिल्डिंग में भूतों का साया मंडरा रहा है. यह मुद्दे को लेकर विधानसभा में बहस भी हुई. पिछली बार वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री कार्यकाल में भी मुण्डावर से भाजपा विधायक धर्मपाल चौधरी का निधन हुआ था. तब सरकारी सचेतक रहे कालूलाल गुर्जर ने सरकार से वास्तु दोष दूर करने के लिए हवन कराने की मांग की थी. तत्कालीन विधायक हबीबुर्रहमान का कहना था कि विधानसभा में भूतों का साया होने से यहां कभी भी 200 विधायकों की सीटें पूरी नहीं भरती.
विधानसभा के पास है श्मशान
राजस्थान विधानसभा का निर्माण 1994 में शुरू हुआ था और मार्च 2001 में यह भवन बनकर तैयार हुआ. 16.96 एकड़ भूमि पर बना यह भवन देश के आधुनिक विधानसभा भवनों में शुमार है. यहां 260 सदस्य बैठने की क्षमता है. इसी तरह की क्षमता वाला एक हॉल पांचवी मंजिल पर भी बना है. यह बात बेहद कम लोगों को पता है कि विधानसभा भवन के निकट ही सटाकर एक श्मशान स्थल है. इसी श्मशान को लेकर लोग भवन पर सवाल उठा रहे हैं. इस नई बिल्डिंग से पहले यह विधानसभा हवामहल के पास स्थित सवाई मानसिंह टाउनहाल में संचालित होता था.
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