Rajasthan Politics: गुलाब चंद की विदाई में गहलोत ने आखिर कह दी अपने मन की बात, कटारिया बोले- 'मुझे अच्छा लगा'
Rajasthan News: गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि ज्यादा आने से सदन की गरिमा बढ़ती है. कौन कैसा प्रदर्शन करता है इसपर निर्भर करता है. चुनाव हारना और जीतना कोई बड़ी बात नहीं है, नेता काम करके बना जाता है.
Gulab Chand Kataria Farewell: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को गुरुवार को विधानसभा में भावभीनी विदाई दी गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि हमारी लड़ाई विचारधारा की है न कि व्यक्तिगत. अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने ने भी 1977 का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे और गुलाब चंद कटारिया जीत गए थे. उन्होंने कहा कि गुलाब चंद कटारिया जहां जाएंगे वहां राजस्थान का मान बढ़ाएंगे. वहां पर संविधान के हिसाब से काम करेंगे. गहलोत ने हंसते हुए कहा कि कैमरे के सामने आपने (गुलाब चंद कटारिया ) मेरी ऐसी-तैसी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. लेकिन हमारे मन में कोई ठेस नहीं है. हम प्रेम भाव से रहते हैं. कटारिया को राष्ट्रपति ने असम का राज्यपाल (Governor of Assam) नियुक्त किया है. वो 22 फरवरी को असम के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे.
नेता तो काम करने से बनता है
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अशोक गहलोत ने अपने मन की बात कह दी, मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा. सच बोलने की ताकत होनी चाहिए. विधानसभा में ज्यादा आने से ही गरिमा बढ़ती है. कौन कितना कैसा प्रदर्शन करता है इसपर निर्भर करता है. चुनाव हारना और जीतना ये कोई बड़ी बात नहीं है. नेता तो लोग काम करने से बनते हैं. सभी को मिलकर काम करना चाहिए. जनता हमें आराम करने के लिए नहीं बल्कि काम करने के लिए भेजती है. इसलिए काम पर फोकस रहना चाहिए. हम जनता के सेवक हैं. प्रयत्न किया जाए तो सबकुछ मिलता है. अभाव में जिया हुआ व्यक्ति ज्यादा ताकतवर होता है. जनता के साथ व्यवहार नहीं बदलना चाहिए. सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए. जो हम बार-बार चुनाव जीतते हैं वो जनता के आशीर्वाद से जीतते हैं.
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने क्या कहा
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने गुलाब चंद कटारिया को बधाई और शुभकानाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि कटारिया को हमने बचपन से देखा है. हम बाद में चुनाव जीते और कटारिया हमसे पहले जीत गए थे. जोशी ने कहा कि हमने कटारिया से बहुत कुछ सीखा है. ये वरिष्ठ नेता हैं इनसे हम लोग सीखें हैं. सबका मान रखते हैं. असम में भी इसी तरह नई जिम्मेदारी को निभाइएगा.
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