राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के लिए BJP ने उतार दी 'प्रभारियों' की फौज, इन्हें मिली बड़ी जिम्मेदारी
Rajasthan Assembly Bypolls: पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 22 लोगों को मैदान में उतारा गया है. रोचक बात है इसमें किसी भी महिला को जगह नहीं मिली है.
Rajasthan Bypolls 2024: राजस्थान में विधानसभा की पांच सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए बीजेपी ने प्रभारियों की बड़ी 'फ़ौज' उतार दी है. इसमें कई मंत्री, विधायक और पूर्व मंत्री के नाम शामिल हैं. पांच सीटों के लिए 22 प्रभारी बनाए गए हैं.
देवली-उनियारा, दौसा, झुंझुनूं के लिए चार-चार और खींवसर और चौरासी के लिए पांच-पांच प्रभारी बनाए गए हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, किरोड़ी लाल मीणा, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवां, मंत्री सुरेश रावत, मंत्री कन्हैया लाल, मंत्री सुमित गोदारा, हीरालाल नागर को प्रभारी की लिस्ट में रखा गया है.
राजस्थान भाजपा ने पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए इन्हें बनाया प्रभारी . @BJP4Rajasthan pic.twitter.com/DH3UES7c5F
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) July 1, 2024
किसे किस सीट का बनाया प्रभारी
देवली-उनियारा विधान सभा सीट का पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, मंत्री हीरालाल नागर, विधायक जितेन्द्र गोठवाल, प्रदेश महामंत्री ओमप्रकाश भड़ाना को प्रभारी बनाया गया है. झुंझुनूं के लिए मंत्री अविनाश गहलोत, मंत्री सुमित गोदारा, प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, विधायक गोवर्धन वर्मा, खींवसर के लिए मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, मंत्री सुरेश रावत, विधायक बाबू सिंह राठौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया और प्रदेश प्रवक्ता अशोक सैनी को प्रभारी बनाया गया है.
दौसा सीट पर डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवां, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और चौरासी सीट के लिए मंत्री बाबूलाल खराड़ी, विधायक श्रीचंद कृपलानी, प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा, प्रदेश मंत्री मिथलेश गौतम और महेश शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है.
एक भी महिला को नहीं लिया टीम में?
पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 22 लोगों को मैदान में उतारा गया है. रोचक बात है इसमें किसी भी महिला को जगह नहीं मिली है. जबकि, बड़ी संख्या में महिला विधायक और पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी में है. जातिगत, नेताओं को मैदान में उतारकर एक बड़ी रणनीति का संकेत दिया गया है. प्रभारियों में कई तो अपना चुनाव खुद हार चुके हैं.
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