Rajasthan Assembly Bypoll News:  राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव में कांग्रेस को सियासी पटखनी देने के लिए बीजेपी नेताओं का पार्टी के प्रत्याशियों के नामों पर मंथन जारी है. इस मसले पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ की अध्यक्षता में शीर्ष नेता दो बैठक कर चुके हैं. इसको लेकर सीएमआर में बीजेपी कोर कमेटी की भी बैठक हुई थी. उसी दिन शाम को दिल्ली में भी संभावित नामों पर चर्चा हुई. 


राजस्थान उपचुनाव को लेकर बीजेपी की दोनों बैठकों से एक बात साफ हो गया कि पार्टी किसी को जल्दबाजी में टिकट नहीं देना चाहती है. इसके लिए पार्टी जातीय समीकरण का पूरा ध्यान में रख रही है. 


खासकर, उन नेताओं को जो जातीय समीकरण में कई सीटों पर बीजेपी को मजबूती दे रहे है. इसलिए, उपचुनाव में भी उन्ही पर पार्टी अपना दांव लगाना चाह रही है.


 किरोड़ी लाल के दावे को खारिज करना मुश्किल 


दौसा सीट पर किरोड़ी लाल मीणा का असर है. इसलिए, वहां पर बीजेपी कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दे सकती है. इस सीट पर वैसे कई और भी दावेदारी कर रहे है. कुछ पुराने नेता भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं. 


दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा को बीजेपी नजरअंदाज नहीं कर सकती. इस टिकट से देवली-उनियारा, चौरासी और सलूम्बर तक असर पड़ेगा. वहीं, देवली-उनियारा में कर्नल किरोड़ी बैंसला के बेटे विजय बैंसला को बीजेपी टिकट देकर दौसा, खींवसर पर असर डालना चाहती है. विजय को टिकट देने के बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अन्य सीटों पर फायदा हुआ था. पूर्वी राजस्थान में बीजेपी मीणा और गुर्जर वोटर्स को साधना चाह रही है.


झुंझुनूं और खींवसर से मिले ये संकेत 


झुंझुनूं और खींवसर सीट पर बीजेपी जाट चेहरे को आगे लेकर चुनाव लड़ना चाहती है. खींवसर सीट पर बीजेपी को पिछली बार बहुत कम मतों से हार मिली थी. इसलिए, इस बार वहां पर बहुत बदलाव की बात नहीं हो रही है. झुंझुनूं में भी जाट चेहरे पर बीजेपी प्लान कर रही है. यहां भी कोई बड़े बदलाव की चर्चा नहीं है. चौरासी सीट पर किसी पुराने चेहरे को बीजेपी मौका दे सकती है. सलूंबर और रामगढ़ पर अभी तस्वीर साफ नहीं है.


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