Rajasthan Assembly Bypolls 2024: राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए यहां पर तैयारी तेज हो गई. हरियाणा में आये चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस ने यहां पर अपनी रणनीति बदलने पर काम शुरू कर दिया है. जहां, पहले कई सीटों पर सांसदों के परिवार को टिकट देने की तैयारी चल रही थी अब आम कार्यकर्ता पर सर्च शुरू हो गई है. 


इतना ही नहीं कांग्रेस के तीन सांसद इस उपचुनाव में अपने परिजनों को मैदान में नहीं उतारना चाह रहे हैं. उन्हें डर है कि इससे आलाकमान नाराज हो सकता है. इसलिए अब अपने परिवार के लिए किसी की पैरवी नहीं हो रही है. वहीं, भाजपा जातिगत समीकरण को साधने के लिए मजबूत जातिगत चेहरे को मैदान में उतारना चाह रही है. जिसपर मंथन और चिंतन जारी है.


इन सीटों पर बदला कांग्रेस का प्लान
कांग्रेस सूत्रों की माने तो दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनूं में कांग्रेस के सांसद अब अपने परिवार के लोगों को मैदान में न उतारने के इच्छुक हैं. कुछ दिन तक ये सभी अपने परिजनों को चुनाव लड़ाने की दावेदारी कर रहे थे. अब हरियाणा में आये चुनाव परिणाम के बाद से यहां पर टिकट वितरण में बड़ा ध्यान दिया जाएगा. 


हर सीट पर आलाकमान की नजर है, इसलिए जो जीतने की स्थिति में रहेगा उसी पर दांव लगाया जा सकता है. लेकिन सूत्रों के कहना है कि अब यहां के सांसद खुद परिवार के पक्ष में नहीं है. उनकी भी यही रणनीति है कि यह चुनाव किसी कार्यकर्ता को लड़ाया जाय. जब विधानसभा के चुनाव होंगे तब ये अपने परिवार और करीबी की पैरवी करेंगे.


बीजेपी अपने पुराने पैटर्न पर
राजस्थान में होने वाले उपचुनाव में भाजपा अपने पुराने पैटर्न पर है. भाजपा जातिगत आधार पर मजबूत लोगों को ही टिकट देने की तैयारी में है. पार्टी सिर्फ सलूंबर सीट को छोड़कर सभी पर इसी रणनीति को लेकर आगे बढ़ रही है. बीजेपी ज्यादातर पुराने चेहरे को लेकर मेहनत कर रही है, लेकिन उसमें भी जातिगत समीकरण का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. 


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