Rajasthan Assembly: गहलोत, पायलट, डोटासरा सहित कांग्रेस विधायकों ने काली पट्टी बांधकर विधानसभा में ली शपथ, जानें वजह
Rajasthan Assembly News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित सभी कांग्रेस के विधायक हाथ पर काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे थे.
Rajasthan Assembly News: राजस्थान की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र बुधवार की सुबह शुरू हुआ. इस दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व दोनों उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा के अलावा पहली बार निर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर ने शपथ दिलाई. विधानसभा के पहले सत्र में 191 विधायकों को शपथ दिलाई गई. आठ विधायकों को कल शपथ दिलाई जाएगी. विधानसभा का पहला विशेष सत्र हंगामे और विरोध के साथ शुरू हुआ. सत्र शुरू होते ही कांग्रेस के विधयकों ने संसद में विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने का विरोध जताना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने आक्रामक तेवर भी दिखाएं.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित सभी कांग्रेस के विधायक हाथ पर काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे थे. कांग्रेस की ओर से संसद में विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने का विरोध किया गया. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने हाथ में काली पट्टी बांधकर शपथ लेते हुए कहा कि कर्तव्य की शपथ ! आज सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक के रूप में शपथ लेता हूं. मैं सदैव की भांति अहर्निश सरदारपुरा व राजस्थान की सेवा में समर्पित रहूंगा.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शपथ लेने वाली डायस से ही संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पार्टी देश में प्रजातंत्र की हत्या का विरोध करते हैं. इसको लेकर विधानसभा में मौजूद कांग्रेस विधायकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. लेकिन बाद में मामला शांत हो गया.
बता दें कि राजस्थान की 16वीं विधानसभा के 199 नए निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए दो दिन के बुलाए गए विशेष सत्र में सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने अचानक सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई. धारीवाल ने कहा कि नियम 302 के तहत आम चुनाव के बाद जब पहला सत्र बुलाया जाता है तो संविधान के सेक्शन 167 के तहत विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है, जबकि आपने 24 घंटे का नोटिस देकर विधानसभा का सत्र बुला लिया.