Rajasthan News: चुनाव आया तो 'रेगिस्तान के जहाज' की आई याद, ऊंटपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने पर मंथन
Rajasthan Election 2023: ऊंटपालन व्यवसाय को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए पशुधन भवन में एक दिवसीय बैठक में चर्चा होगी.
Rajasthan Election 2023: चुनाव आया तो अब 'रेगिस्तान के जहाज' और उनके पालकों की चिंता सरकार को सताने लगी है. क्योंकि, कई जिलों में इनका बड़ा असर है. अब सरकार की तरफ से पहल शुरू की गई है. राज्य में ऊंटों की कम होती संख्या और ऊंटपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रमुख शासन सचिव पशुपालन विभाग विकास एस. भाले एक दिवसीय बैठक का आयोजन करेंगे.
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था में ऊंटों का विशेष स्थान रहा है, लेकिन ताजा आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में वर्ष 1983 में ऊँटों की संख्या 7.56 लाख थी, जबकि कृषि एवं परिवहन में बढ़ते मशीनीकरण तथा ऊंटों की उपयोगिता में निरन्तर गिरावट के कारण वर्ष 2019 में इनकी संख्या घटकर 2.13 लाख रह गयी. राजस्थान ही नहीं देश भर में ऊँटों की संख्या में 37 प्रतिशत की कमी आई है, जो बेहद चिंताजनक है.
अब होने लगा प्रयास
ऊंटों की बेहतरी के लिए सरकार ने अब ज्यादा काम शुरू कर दिया है. डॉ भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि ऊंटों की संख्या में ओ रही गिरावट को रोकने और ऊंटपालन व्यवसाय को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है. सरकार के प्रयास की इसी कड़ी में ऊँटों की घटती संख्या और ऊंटपालकों की गिरती आर्थिक स्थिति जैसी समस्याओं के समाधान पर विचार विमर्श एवं मंथन के लिए विभाग द्वारा एक दिवसीय बैठक में इसपर मंथन होगा.
इन विषयों पर होगी चर्चा
ऊंटपालन से संबंधित हितधारक, स्वयंसेवी संस्थाएं, गैर संरकारी संस्थान, राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन, उरमूल डेयरी, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान संस्थान, बीकानेर, लोक हित पशुपालक संस्थान एवं गुजरात राज्य के प्रतिनिधियों सहित विभागीय अधिकारी हिस्सा लेंगे. बैठक में ऊंटों की घटती हुई संख्या, ऊंटों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए नवीन योजनाओं, ऊंटों के लिए संरक्षित चरागाह का चिन्हीकरण, ऊंटपालकों के आजीविका के लिए कल्याणकारी योजनाएं, राजस्थान में ऊंटनी के दूध के संग्रहण एवं विपणन की संभावना आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.
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