Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है और इसी को देखते हुए कांग्रेस सरकार पूरी तरह से एक्टिव हो गई है. जनता को अपने पाले में करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीते पुराने सभी वादे पूरे करने में लग गए हैं. चाहे वह फ्री फोन-टैबलेट योजना हो, अनन्पूर्णा योजना हो या कोई ओर. हालांकि, चुनाव से पहले ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा क्योंकि टेंडर निकालने में समय काफी जा रहा है. ऐसे में गहलोत सरकार एक नया प्लान लेकर आई है, जिससे जनता को काफी फायदा हो सकता है.
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'राहत इन कैश' की योजना बनाई है, जिसमें अब वह योजनाओं को पूरा करने के बदले उसके लिए लाभार्थियों के खातों में पैसा भेजेंगे. फ्री बिजली समेत अन्य राहत देने के बाद गहलोत सरकार अब बजट घोषणाओं में दी गई अन्य राहतों को कैश इन करने के लिए लाभार्थियों के खातों में रकम ट्रांसफर करेगी.
इस वजह से गहलोत सरकार ले रही ये फैसला
गौरतलब है कि हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्ट फोन के बदले एक निर्धारित अमाउंट उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करने का संकेत दिया था. अब अन्नपूर्णा फूड किट, टैबलेट योजना जैसी कई योजनाओं के बदले भी लाभार्थियों को कैश देने पर कांग्रेस सरकार विचार कर रही है. माना जा रहा है कि इसकी वजह ये हो सकती है कि बीच अक्टूबर में आचार संहिता लागू हो सकती है और अभी तक कई टेंडर पास नहीं हुए हैं.
टेंडर हो भी गए तो चुनाव से पहले योजना पूरी करने में समय लग सकता है. इसलिए अपने वादे पूरे करने के लिए गहलोत सरकार 'राहत इन कैश' लाने का दावा कर रही है. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार 16 जून से इसकी शुरुआत राजस्थान की राजधानी से हो जाएगी. इस दौरान सीएम 42 हजार पशुपालकों के खातों में लम्पी मुआवजे के तौर पर 176 करोड़ रुपये सहायता राशि ट्रांसफर करेंगे.
बीजेपी का आरोप- ईडी से बचने के लिए लिया गया फैसला
राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि अशोक गहलोत की सरकार ने संस्थागत भ्रष्टाचार की बुनियाद पर इन योजनाओं की घोषणा की है. बीजेपी ने करप्शन का मुद्दा उठाया तो सरकार पीछे हट गई. अब ईडी के डर से डीबीटी किया जा रहा है.
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