Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं नेता या तो अपनी जमीन तलाश कर रहे हैं या उसे बचाने के लिए पुरजोर जतन किए जा रहे हैं. नए नेता भी अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं तो पूर्व विधायक भी एक बार फिर से ताल ठोक रहे हैं. ऐसे में कई कद्दावर नेताओं का राजनैतिक जीवन दाव पर लगा है. कोटा की सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली कोटा उत्तर विधानसभा राजस्थान में दो कद्दावर नेताओं का भविष्य तय करती है. यहां एक बार बीजेपी और एक बार बीजेपी की परिपाठी चली आ रही है. इस बार दोनों ही दिग्गज यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व विधायक व गुर्जर समाज के बड़े नेता प्रहलाद गुंजल कोटा उत्तर से पूरी ताकत झोंक रहे हैं.


प्रदेश में कहीं अभियान शुरू हुआ हो या नहीं, लेकिन कोटा में घर-घर जनसंपर्क शुरू हो गया है. करीब दो माह से यूडीएच मंत्री और उनके बेटे पीसीसी सदस्य अमित धारीवाल लगाता सुबह शाम भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से जनसम्पर्क कर रहे हैं तो प्रहलाद गुंजल अब तक हर गली मोहल्ले में कार्यकर्ताओं की बैठके कर रहे हैं. करीब ढाई हजार बैठकें किए जाने का अनुमान है और 2 जुलाई को विशाल कार्यक्रम किया जाना तय हो गया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कई बडे नेता यहां रहने वाले हैं.


सरकार के साढ़े चार साल आपस की कुर्सी की लड़ाई में निकल गए
कोटा उत्तर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा राजस्थान की कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आव्हान विशाल महारैली के साथ आगामी 2 जुलाई को कोटा से किया जाएगा. कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने नयापुरा स्थित कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए ये बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता प्रदेश सरकार की घोषणाओं और अराजकताओ से परेशान हो चुकी है.


सरकार एक दिन घोषणा करती है कि 100 यूनिट बिजली फ्री देगे और दूसरे दिन फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिया जाता है. प्रदेश के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता का झांसा देकर व युवाओं को रोजगार का वादा करके बनने वाली सरकार से समाज का प्रत्येक तबका त्रस्त है. सरकार के साढे चार साल आपस की कुर्सी की लड़ाई में निकल गए.


यह प्रदर्शन राजस्थान सरकार के ताबूत में आखरी कील साबित होगा
पूर्व विधायक गुंजल ने कार्यकर्ताओं को कहा कि कोटा सहित पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल किसी से छुपा नहीं है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से सड़क पर लड़ाई लड़ने का आव्हान करते हुए कहा कि आगामी होने वाला प्रदर्शन राजस्थान सरकार के ताबूत में आखरी कील साबित होगा. 2 जुलाई का प्रदर्शन सरकार के खिलाफ पिछले साढ़े चार साल में प्रदर्शनों से विशालतम करने का प्रयास होगा.


'भ्रष्टाचार सरकार का शिष्टाचार बन गया है'
गुंजल ने कहा कि प्रदेश की सरकार पिछले इन साढ़े चार साल में एक भी परीक्षा सफलतापूर्वक नहीं करा सकी है, जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. उसे लगता नहीं कि उसकी मेहनत का परिणाम उसे मिलेगा. उन्होंने कहा कि सचिवालय में पैसा मिलना, जहां योजना आयोग के मंत्री मुख्यमंत्री खुद हैं. ऐसा लगता है कि यह भ्रष्टाचार सरकार का शिष्टाचार बन गया है.


50 प्रतिशत कमीशन कोटा यूआईटी के कामों में आम बात है. गुंजल ने कहा चुनावी घोषणा पत्र में बिजली के बिल नहीं बढ़ाने का वादा करके 6 बार बिजली बिलों में राशि बढ़ाना. अब राहत शिविरों के नाम पर एक बार फिर जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास यह सरकार कर रही है.


यह भी पढ़ें: Rajasthan News: CM अशोक गहलोत की घोषणा के बाद अब इतना आएगा बिल, दिल्ली और राजस्थान में बिजली पर कितनी है सब्सिडी