Rajasthan Assembly Election 2023: मेवाड़ की प्रमुख उदयपुर सीट को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. आंकड़े भी यहीं कह रहे है, क्योंकि पिछले 11 चुनाव की बात करे तो यहां सिर्फ 2 बार ही कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यही नहीं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के जाने के बाद उदयपुर शहर सीट पर कांग्रेस अपना दबदबा साबित नहीं कर पाई, लेकिन अब इसी सीट पर अपनी मजबूती बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी आगे आ रही है.


दरअसल, कांग्रेस के यहां से राष्ट्रीय नेता मैदान में उतरने को तैयार हैं, साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे, पूर्व केंद्रीय मंत्री की बहु भी मैदान में आ गई है. हालाकि पार्टी में अंदरूनी विरोध काफी हद तक बढ़ गया है, जिससे पार पाना कांग्रेस के लिए चुनौती बन गया है. आइए जानते हैं आंकड़े क्या कह रहे हैं.


मोहनलाल सुखाड़िया के बाद गिरा कांग्रेस का जनाधार
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया, जो उदयपुर सीट से 3 बार विधायक रहे. बताया जाता है कि उनके समय में समय ने पार्टी काफी मजबूत थी. मेवाड़ में कांग्रेस का काफी दबदबा था. मोहनलाल सुखाड़िया यहां वर्ष 1957 से 1967 तक लगातार तीन बार विधायक रहे और मुख्यमंत्री बने. उनके जाने के बाद जनसंघ से भानुकुमार शास्त्री उदयपुर शहर से विधायक बने. यहीं से मेवाड़ की इस प्रमुख सीट का यू टर्न था. इसके बाद कांग्रेस अब तक सिर्फ 2 बार इस सीट पर अपना कब्जा जमा पाई. बीजेपी ने अपनी जड़ें इतनी मजबूत कर दीं कि कांग्रेस उन्हें उखाड़ने में नाकाम रही.


गुलाब चंद कटारिया ने दी मजबूती 
उदयपुर शहर सीट का यू टर्न तो भानु कुमार शास्त्री के समय से आ गया था, लेकिन जड़ें मजबूत करने का काम उदयपुर सीट से विधायक रहे असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने किया. पिछले 11 चुनाव में कटारिया उदयपुर शहर सीट से 6 बार विधायक रहे. इसमें एक बार जनता पार्टी से 1977 ने और फिर 1980 में भारतीय जनता पार्टी से. इसके बाद कांग्रेस पार्टी से एक बार पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास और त्रिलोक पुरबिया ने जीत हासिल की. वहीं बीजेपी से दो बार शिवा किशोर सनाढ्य जीते. वहीं पिछले 4 चुनाव से गुलाब चंद कटारिया यहां विधायक बनते आ रहे हैं.


राष्ट्रीय नेता और पूर्व मंत्री के पुत्र बहु मैदान में
गुलाब चंद कटारिया द्वारा जमाई गई जड़ों को उखाड़ने के लिए अब कांग्रेस जी तोड़ मेहनत कर रही है. यहां केंद्रीय नेता के रूप में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ, राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जगदीश राज श्रीमाली, वहीं सीएम के करीबी माने जाने वाले डूंगरपुर पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश खोड़निया मैदान में उतरे हैं. इन्होंने उदयपुर सीट के लिए आवेदन कर दिया है. यहीं नहीं पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के पौते दीपक सुखाड़िया और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास की बहु और पार्षद हितांशी शर्मा भी मैदान में उतरे हैं. इन्होंने भी आवेदन कर दिया है.


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