Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने संत और धर्म गुरुओं को अपना प्रत्याशी बनाया है. चुनावी मैदान में सियासत का बड़ा दांव खेला गया है. आगामी 25 नवंबर को प्रदेश में एक चरण में मतदान होगा और 3 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में अपना दम लगा रहे हैं. ऐसे में धर्मगुरु और संतो को कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों ने अलग-अलग सीटों पर अपना प्रत्याशी बनाया है. आइए जानते हैं, इन धर्म गुरुओं और संतों के पास कुल कितनी संपत्ति है और इनकी आय का मुख्य स्रोत क्या है?
दरअसल, पश्चिमी राजस्थान की हॉट सीट पोकरण विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने महंत प्रतापपुरी महाराज को फिर से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है. नामांकन के साथ लगाए गए शपथ पत्र के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 3.39 करोड़ रुपये हैं. 2.64 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी तो सिर्फ पूजा पाठ और दक्षिणा से अर्जित की हुई है. महंत प्रतापपुरी के पास 1.41 लाख रुपये और 11 तोला सोना है. आय का स्रोत पूजा पाठ के साथ कृषि को बताया गया है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सालेह मोहम्मद के पास 2.37 करोड़ रुपये की संपत्ति हैं. इनमें 1.28 करोड़ की संपत्ति बढ़ी. इनके पास एक फॉर्च्यूनर एक ट्रैक्टर है. इनका विधायक पेंशन की वजह से एक करोड़ 28 लाख रुपये पिछले पांच सालों में संपत्ति बढ़ी हैं.
बाबा बालक नाथ के पास 13.29 लाख की संपत्ति
वहीं सिरोही विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ओटाराम देवासी के पास एक करोड़ 40 लाख रुपये की संपत्ति है. इसमें देवासी ने इनोवा कार पूजा-पाठ के पैसों से लिया है. साथ ही पिछले 5 साल में 23 लाख रुपये की संपत्ति बढ़ी है. बता दें कि, ओटाराम देवासी देवासी समाज के संत माने जाते हैं और सिरोही से भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी रह चुके हैं. इसके साथ ही तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी बाबा बालक नाथ के पास 13.29 लाख की संपत्ति है. इनकी आय का स्त्रोत सांसद वेतन और भत्ता है. बता दें कि, 2019 में अलवर से लोकसभा सांसद चुने गए थे. वहीं हवामहल विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी बालमुकुंद की 88 लाख की संपत्ति है.
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