Rajasthan Election 2023: राजस्थान प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ.सतीश पूनियां एक दिवसीय दौरे पर भरतपुर पहुंचे. भरतपुर पहुंचने पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने डॉ.सतीश पूनियां का फूल माला से स्वागत किया.


पार्टी के मोर्चे और बूथ स्तर पर मजबूत है बीजेपी


राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में पूर्वी राजस्थान में बीजेपी की हार को लेकर उन्होंने कहा कि हमने 2018 के चुनाव से कुछ सबक भी लिया है. संगठन को धरातल तक और ज्यादा मुखर किया है. पहले यह क्षेत्र हमारे लिए काफी अच्छा रहा है, लोकसभा के चुनाव में भी हमें अच्छी सफलता मिली है. उससे पहले के विधानसभा चुनाव से यहां संभावनाएं ज्यादा हैं. हम उन संभावनाओं को और ज्यादा करने के लिए लगातार दौरे व प्रवास कर रहे हैं. यहां के कार्यकर्ताओं का मनोबल,आत्मविश्वास को देखते हुए पार्टी के मोर्चे और बूथ स्तर पर पार्टी मजबूत है, जिनका राजनीतिक स्तर बढ़ाने में काफी सहयोग रहेगा.


कांग्रेस के खिलाफ माहौल  ही नहीं आक्रोश है


डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान में सत्ता बदलने का एक कारण है परशेप्सन. जनधारणा है जिसके कारण 90 के दशक से एक धारणा बनी हुई है कि एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस, दूसरा एक एंटीइनकम्बेंसी (Anti-incumbency) है जो सामान्य तौर पर सरकारों के खिलाफ एक माहौल होता है. इस बार कांग्रेस के खिलाफ माहौल ही नहीं है कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है. कर्जा माफी को लेकर यहां का किसान प्रभावित है. यहां हजारों किसानों की जमीनें नीलाम हुई हैं. यहां पूर्वी राजस्थान में बेरोजगारी और पेपर लीक का मामला है, उससे यहां के बच्चे प्रभावित हैं. कानून व्यवस्था यहां की सबसे ज्यादा बिगड़ी है. चाहे भरतपुर हो या अन्य जगह भी. जिस तरीके से माफिया के हाथ में कानून व्यवस्था आई है, करप्शन का लेवल भी चरम पर है. उसी तर्ज पर कुछ मुख्य मुद्दे हैं जिससे जनमानस सरकार के खिलाफ है. 


राजस्थान में दो तिहाई से भी ज्यादा सीटों पर होगी जीत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ही चुनाव में काफी है. उन्होंने जो पॉलिटिक्स और परफॉर्मेंस शुरू की, उसका असर राजस्थान के जनमानस पर है. पूर्वी राजस्थान के लोगों पर भी है. नया बजट जो आया है, उससे और ज्यादा लोगों की पार्टी के प्रति और पीएम मोदी के प्रति लोगों को आकर्षित किया है. हमने संगठन को इस तरीके से तैयार किया है जो राजनीतिक परिणाम दे सके. हमें टिकट वितरण व चुनाव के कैम्पेन को लेकर गुजरात चुनाव से बहुत कुछ सीखने को मिला है. कुछ चीजों को अलग-अलग जगह से सीखने को मिला है. केंद्र का भी सहयोग मिलेगा. उस आधार पर भौगोलिक रूप से पूर्वी राजस्थान ही नहीं पूरे राजस्थान में दो तिहाई से भी जयादा सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. 


उनसे पूछा गया की अशोक गहलोत 156 सीटों पर जीत की बात कर रहे है तो उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सियासी व्यक्ति हैं, बयानबाजी के अलावा धरातल पर कुछ होता नहीं है. उन्हीं के नेतृत्व में जब जब चुनाव हुए हैं तब तब कांग्रेस पार्टी की दुर्गति हुई है. पहले 156 सीट से 56 पर आये थे और 99 सीट से 21 पर आ गए. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी कैसी दुर्गति होनी है. 


19 सीट ऐसी जिस पर कभी नहीं जीते 


डॉ. सतीश पूनियां का कहना है की हमने कोशिश की है कि19 सीटें ऐसी हैं जो हम कभी नहीं जीते, 48 सीटें ऐसी हैं जहां एक बार जीते हैं, ऐसी सभी सीटों पर बीजेपी का फोकस है. जहां राजनीतिक रूप से परिणाम नहीं आए, उसके लिए जो रणनीति होगी, उसका समय आने पर ही खुलासा होगा. कोशिश यही है कि जहां कमजोर हैं वहां पर अच्छा परिणाम लेकर आएं. 


ईआरसीपी को लेकर क्या कहा 


डॉ. सतीश पूनियां ने ईआरसीपी योजना को लेकर कहा कि इस योजना को बीजेपी ही लेकर आई थी. कांग्रेस पार्टी ने 60 साल की सत्ता में इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के अलावा प्रदेश को कोई दूसरी योजना नहीं दी. चार साल बाद अशोक गहलोत इसमें राजनीति करते हैं, बयान देते हैं, वो सिर्फ सियासत करते हैं. परिणाम देने का काम नहीं करते हैं. 


कांग्रेस पार्टी की आपसी लड़ाई पर कहा 


अशोक गहलोत और सचिन पायलट की कुर्सी की लड़ाई पर कहा कि कांग्रेस की आपसी लड़ाई के कारण, उनकी कमजोरी के कारण सत्ता में आएंगे, ऐसा नहीं है. हम अपनी खूबियों के कारण आ रहे हैं. उन्ही के मंत्री कह रहे हैं कि हम फॉर्चूनर की सवारी जितने जीत कर आएंगे और चार धाम घूमने जाएंगे. उनको खुद को आभास हो गया है. जैसे किसी बुजुर्ग को आभास हो जाता है कि अब मेरा अंतिम समय आ गया है, मुझे गंगा जल दे दो, कांग्रेस की स्थिति भी लगभग वैसी ही है. अशोक गहलोत रिपीट की बात करते हैं, मुझे लगता है कांग्रेस पार्टी परमानेंट डिलीट हो जाएगी. 


कद्दावर नेता बीजेपी से जुड़ने वाले हैं 


डॉ, सतीश पूनियां ने कहा कि कभी कार्यकर्ताओं की पार्टी हुआ करते थे, आज हम आम लोगों की पार्टी हैं. अलग- अलग अंतराल पर अलग- अलग लोग जुड़ते रहे हैं. हमने उनका स्वागत किया. बहुत सारे लोग पार्टी में आए, उन्होंने भी पार्टी को आगे बढ़ाने में सहयोग किया. जो लोग भी आते हैं, यह भी सही है कि पार्टी में बहुत बड़े अच्छे कद्दावर लोग पार्टी से जुड़ने वाले हैं.


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