Rajasthan Elections 2023: महेंद्रजीत मालवीय को CWC सदस्य बना कांग्रेस ने चला बड़ा दांव? ये है उदयपुर की सीटों का गणित
Rajasthan Elections 2023: उदयपुर में विधानसभा की आठ सीटें हैं, जिसमें से छह पर अभी बीजेपी का कब्जा है. यहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा भी नहीं रहा. ऐसे में उदयपुर कांग्रेस के लिए चुनौती बना हुआ है.
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे पार्टियों में जोड़ तोड़ शुरू हो गया है. समितियों का गठन हो रहा है और चेहरों को सामने लाकर जिम्मेदारियां दी जा रही हैं. इस बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सूची जारी की गई है. इसमें उदयपुर से सांसद रहे रघुवीर सिंह मीणा की जगह बांसवाड़ा संभाग की बागीदौरा विधानसभा सीट से विधायक और जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कमान सौंपी है.
वहीं महेंद्र सिंह मालवीय को सौंपी गई इस जिम्मेदारी देने की वजह भी दबी आवाज में स्थानीय नेता बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत रविवार रात को उदयपुर पहुंचे तब पहली बार ऐसा हुआ कि रघुवीर सिंह मीणा सीएम का स्वागत करने नहीं पहुंचे. वहीं महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने सीएम गहलोत का स्वागत किया. सीएम ने उन्हें वहां तवज्जो देते हुए मीडिया के सामने आगे तक बढ़ाया. इस फैसले से क्या चर्चाएं हैं मेवाड़ की राजनीति में और कांग्रेस क्या संदेश देना चाहती है, आइए जानते हैं.
उदयपुर की 8 में से 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा
पहले उदयपुर जिले में आने वाली आठ विधानसभा सीटों की बात करें. इन सीटों पर लंबे समय से कांग्रेस पिछड़ी हुई है. आठ सीटों में से छह सीटें बीजेपी और दो विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं. कांग्रेस पार्टी में ही चर्चाएं हैं कि अब उदयपुर में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं रहा. पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास पिछला विधानसभा चुनाव हार गईं थी और वह सभाओं, कार्यक्रमों में ज्यादा नहीं दिखाई हैं. कह सकते हैं वह राजनीति में सक्रिय नहीं हैं. इनके बाद एक ही चेहरा था जिसे उदयपुर कांग्रेस के अगुआ के तौर पर देखा जाता था और वह हैं रघुवीर सिंह मीणा. अब रघुवीर सिंह मीणा भी बड़े पद पर नहीं रहे. ऐसे में अब सवाल है कि पहले से पिछड़ी कांग्रेस की इन आठ सीटों पर क्या नया पैंतरा आजमाएगी या यहां कैसे बढ़त करेगी.
खुद के गढ़ में हारे रघुवीर मीणा
एक चर्चा यह भी चल रही है कि कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक हुई उसमें जिताऊ चहरे को ही आगे लाने की या टिकट देने की बात कही. रघुवीर सिंह मीणा की बात करें तो उदयपुर की आठ विधानसभाओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास के साथ रघुवीर सिंह मीणा एक वरिष्ठ नेता हैं. उदयपुर में करीब तीन दशक से बीजेपी का राज है. बड़ी बात तो यह कि रघुवीर सिंह मीणा सलूंबर से आते हैं और यह एक विधानसभा क्षेत्र है. यहां तक वह हार चुके हैं. अभी इन्हीं के गढ़ में बीजेपी का राज है.
मालवीय का वर्चस्व उदयपुर में नहीं
रघुवीर सिंह मीणा की जगह जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को सीडब्ल्यूसी सदस्य बनाया है. चर्चाएं हैं कि मंत्री मालवीय के वर्चस्व की बात करे तो वागड़ तक सीमित है. वागड़ यानी बांसवाड़ा की पांच और डूंगरपुर की चार विधानसभा क्षेत्र तक. उदयपुर की आठ विधानसभा में मालवीय का इतना वर्चस्व नहीं है. लेकिन यह जिताऊ चहरे हैं. बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं और एक बार सांसद भी रह चुके हैं. उन्हे जनजातीय क्षेत्र में जनाधार वाला नेता माना जाता है. राहुल गांधी की मानगढ़ में हुई सभा में उनका कद बढ़ा था.
8 विधानसभा का क्या होगा?
चर्चाएं है कि मालवीय वागड़ ने बड़े चेहरे हैं और मेवाड़ से रघुवीर से कमान के ली गई है तो अब सवाल खड़ा हो रहा है कि उदयपुर की आठ विधानसभा का क्या होगा. यहां कांग्रेस अब क्या नया दांव खेलेगी, क्योंकि इन विधानसभा ने कांग्रेस काफी पीछे है.
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