Rajasthan Assembly Election 2023: मेवाड़ में इन दिनों काफी राजनीतिक उठापठक चल रही है. बीजेपी (BJP) के बाद अब कांग्रेस (Congress) में घमासान छिड़ गया है. राज्यपाल बनाए जाने के बाद गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) की जगह लेने की बीजेपी नेताओं में होड़ मची हुई है. अब कांग्रेस में भी बवाल छिड़ गया है. मुस्लिम समुदाय ने मेवाड़ में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास (Girija Vyas) के सामने जमकर विरोध किया. चर्चा है कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को दरकिनार करना चाह रही है. मुस्लिम समुदाय ने गिरिजा व्यास के घर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया. 


कांग्रेस के पास वर्तमान समय को भुनाने का मौका


गुलाब चंद कटारिया अब मेवाड़ में एक्टिव राजनीति से अलग होने जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास मौके को भुनाने का चांस है. तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के समय कांग्रेस की मेवाड़ में स्थिति को बनाने का मौका है. यानी मेवाड़ पर कांग्रेस जा कब्जा. इसके पीछे कारण भी है. कांग्रेस जानती है कि उदयपुर में कटारिया को हराना मुश्किल था. अब कटारिया के सामने नहीं होने से कांग्रेस को मजबूत होने का मौका है. लेकिन मेवाड़ में मुस्लिम समुदाय की अंदर ही अंदर नाराजगी बढ़ती जा रही है. 


राजनीति में मुस्लिम समुदाय की उपेक्षा का आरोप


स्थानीय पदों पर आसीन नेताओं का कहना है कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को चुनाव में साइड रखना चाह रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उदयपुर के सितारा होटल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कार्यक्रम था. मुस्लिम समुदाय के नेताओं को कार्यक्रम में न्योता नहीं दिया गया. ब्लॉक अध्यक्षों की जारी लिस्ट जामें भी मुस्लिम समुदाय को दरकिनार कर दिया गया. स्थानीय कांग्रेस पार्षद धार्मिक चिन्हों का विरोध कर रहे हैं. इशारा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव में मुस्लिम को साइड में रखने की कांग्रेस की मंशा है. 


गिरिजा व्यास को नाराजगी का करना पड़ा सामना


जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष शराफत खान सहित मुस्लिम समुदाय के लोग गिरिजा व्यास के घर पहुंचे. वीडियो में शराफत खान कहते दिख रहे हैं कि मुसलमानों को राजनीति से अलग कर दिया है. कोई भी पद नहीं दिया गया है. जवाब में गिरिजा व्यास कहती हैं कि मामला मेरे हाथ में नहीं हैं. इसमें मैं कुछ नहीं कर सकती. शराफत खान ने आगे कहा कि हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर चलने के बावजूद कभी किसी कमेटी में मुसलमानों को पूछा क्या.


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