Rajasthan Election: रायपुर अधिवेशन से बदल जाएगी राजस्थान कांग्रेस की तस्वीर, कई नेताओं का भविष्य खतरे में
Rajasthan Election 2023: 50 साल से कम उम्र के 50% लोगों को कांग्रेस चुनाव में अवसर दे सकती है. लगातार 2 बार से हार रहे प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलेगा. उम्रदराज नेताओं पर भी चुनावी संकट मंडरा रहा है.
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Congress on Rajasthan Election 2023: कांग्रेस का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन खत्म हो गया है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए इस अधिवेशन पर देशभर के कांग्रेसियों की नजर टिकी हुई थी, क्योंकि कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राजस्थान को लेकर भी कई बातें हो रही थीं. माना जा रहा था कुछ बड़ी बातें सामने आएंगी. अब कुछ चीजें ऐसी हुई हैं, जो राजस्थान कांग्रेस की राजनीति पर बड़ा बदलाव लेकर आएंगी.
जानकारी के अनुसार, इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काफी कुछ बदल जाएगा. जैसे 50 साल से कम उम्र के 50 प्रतिशत लोगों को चुनाव में टिकट दिया जाएगा और उनकी संगठन में जिम्मेदारी बढ़ाई जाएगी. पहले जो 8 पीसीसी मेम्बर पर एक एआईसीसी मेंबर होते थे, अब 6 पीसीसी मेम्बर पर एक एआईसीसी मेंबर होगा. इसे भी एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
संगठन में 50 प्रतिशत लोग एससी-एसटी और अल्पसंख्यक कोटे से होंगे. संगठन को मजबूत करने के लिए ये तैयारी की गई है. पहले इलेक्टेड का 15 प्रतिशत काप्टेड होते थे अब उनकी संख्या 25 प्रतिशत कर दी गई है. सूत्रों की मानें तो यह भी बात सामने आई है कि लगातार दो बार से हार रहे प्रत्याशी को इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा. ऐसे में कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य खतरे में हैं. ये बड़ी बातें यहां सब कुछ बदल कर रख देंगी.
उम्रदराज नेताओं के लिए संकट
इस अधिवेशन को देखने के बाद अब सबकी नजरें टिकीं हैं. इनमें हुए संसोधनों पर क्या राजस्थान में सच्चाई और मजबूती से वो लागू हो पाएगी? अगर यहां पर यह नियम लागू हुआ, तो मुख्यमंत्री समेत कई दिग्गज नेता 70 साल क्रॉस कर चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 71 साल, प्रसादी लाल मीणा 72 साल, शांति धारीवाल की उम्र 80 साल हो गई है. वहीं, बीडी कल्ला की उम्र भी 70 पार कर चुकी है.
मंत्री बृजेन्द्र ओला और हेमा राम चौधरी दोनों 70 साल पार कर चुके हैं. इन नेताओं को चुनाव में उतरने पर खतरा मंडराने लगेगा. ये वो नेता हैं, जो कांग्रेस के लिए यहां पर धुरी बने हुए हैं, लेकिन इस अधिवेशन के बाद कितना बदलाव होगा यह कह पाना मुश्किल होगा.
एआईसीसी मेंबर की बढ़ जाएगी संख्या
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश सचिव देसराज मीणा ने बताया कि पहले आठ पीसीसी मेंबर पर एक एआईसीसी होते थे अब छह पीसीसी मेंबर पर एक एआईसीसी मेंबर होंगे. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी में एआईसीसी मेंबर पर 15 प्रतिशत कॉप्टेड मेंबर होते थे अब 25 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे प्रदेश में कांग्रेस सदस्यों की संख्या में बदलाव दिख सकता है. इसे भी बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।.
दो बार हारने वाला होगा आउट
सूत्रों की माने तो इस बार कांग्रेस उन्हें मैदान में नहीं उतारने वाली है, जो लगातार कांग्रेस के टिकट पर दो बार हार गए हैं. उनके लिए संकट खड़ा हो जाएगी. प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों के अनुसार ऐसे की नेताओं पर असर पड़ सकता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि ये बातें केवल विधानसभा ही नहीं बल्कि लोक सभा के चुनाव में भी लागू होंगी. इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
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