Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के धौलपुर (Dholpur) जिले की धौलपुर विधानसभा सीट पर साल 1972 से लेकर 2003 तक कांग्रेस (Congress) ने एक ही व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस पार्टी ने बनवारी लाल शर्मा को धौलपुर विधानसभा सीट पर लगातार 8 बार टिकट दिया और चुनाव मैदान में उतारा. साल 1972 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा (Banwari Lal Sharma (डॉ बनवारी ) चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. बनवारी लाल ने स्वतंत्र पार्टी के सालिग राम को हराया था. इस चुनाव में बनवारी लाल को कुल 32 हजार 572 वोट मिले थे. वहीं सालिग राम को 22 हजार 497 वोट मिले थे.


इसके बाद साल 1977 के विधानसभा के चुनाव में बनवारी लाल शर्मा को हार का मुंह देखना पड़ा था. साल 1977 के विधानसभा चुनाव में धौलपुर विधानसभा सीट पर जनता पार्टी के प्रत्याशी जगदीश सिंह जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. साल 1977 के विधानसभा चुनाव में जगदीश को कुल 19 हजार 728 वोट मिले थे. वहीं दुसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को कुल 18 हजार 935 वोट मिले थे. इसके बाद 1980 के विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस के प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा ने बाजी मारी.


1985 में वसुंधरा राजे जीतीं
इस चुनाव में जीत कर वो विधानसभा पहुंचे. 1980 के विधानसभा चुनाव में बनवारी लाल को कुल 27 हजार 69 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे जगदीश सिंह को 24 हजार 294 वोट मिले थे. इसके बाद साल 1985 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे ने धौलपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के विजय रथ को रोक दिया. वो इस चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची थी. वसुंधरा राजे ने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनवाली लाल शर्मा को हराया.


साल 1985 बनवारी लाल शर्मा को मिले इतने वोट
साल 1985 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को कुल 49 हजार 174 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को कुल 26 हजार 494 वोट मिले थे. इसके बाद साल 1990 के चुनाव में फिर बीजेपी ने भैरो सिंह शेखावत को धौलपुर विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया था. इसमें भैरो सिंह शेखावत ने जीत दर्ज की और राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे. भैरो सिंह शेखावत ने कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को हराया था. इस चुनाव में भैरो सिंह शेखावत को कुल 50 हजार 243 वोट मिले थे. ही दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को 36 हजार 651 वोट मिले थे. 


1993 में वसुंधरा राजे को हराया
इसके बाद 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी बनवारी लाल ने फिर जीत दर्ज की. उन्होंने इस चुनाव में वसुंधरा राजे को हराया था. साल 1993 के विधानसभा चुनाव में बनवारी लाल को कुल 40 हजार 761 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी वसुंधरा राजे को कुल 36 हजार 594 वोट मिले थे. इसके बाद साल 1998 के विधानसभा चुनाव बीजेपी  ने शिव राम को अपना उम्मीदवार बनाया और वो चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. शिव राम ने इस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को हराया था. शिव राम को कुल 44 हजार 488 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बनवारी लाल को कुल 40 हजार 757 वोट मिले थे.


साल 2003 में बनवारी लाल शर्मा फिर जीते
इसके बाद साल 2003 कांग्रेस  प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा ने फिर जीत दर्ज की. बनवारी लाल शर्मा ने बीजेपी के ही शिव राम को हराया था. इस चुनाव में बनवारी लाल को कुल 57 हजार 101 वोट मिले थे. वहीं शिव राम को कुल 51 हजार 987 वोट मिले थे.  इसके बाद साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अब्दुल सगीर खान को अपना प्रत्याशी बनाया था. अब्दुल सगीर खान चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक शर्मा को हराया था. अब्दुल सगीर को कुल 28 हजार 77 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी अशोक शर्मा को कुल 26 हजार 523 वोट मिले थे.


उपचुनाव में शोभारानी कुशवाह को मिली जीत
हालांकि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में लोगों ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही नकार दिया. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में यहां से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी बीएल कुशवाहा को जिताकर  लोगों ने विधानसभा भेजा था. बीएल कुशवाह को कुल 49 हजार 892 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को कुल 40 हजार 683 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी बीएल कुशवाहा जीतकर विधानसभा तो पहुंच गए, लेकिन चिटफंड के मामले मे बीएल कुशवाहा को जेल जाना पड़ा. इसके बाद धौलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ तो बीजेपी ने बसपा विधायक उनकी की पत्नी शोभारानी कुशवाह को अपना प्रत्याशी बनाया था और उनको जीत मिली थी.


साल 2018 में भी शोभारानी कुशवाहा ही बनी उम्मीदवार
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी  ने शोभारानी कुशवाहा को ही अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं कांग्रेस ने डॉ शिव चरण सिंह कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया था. साल 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी शोभारानी कुशवाह ने जीत हांसिल की और विधानसभा पहुंची. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के डॉ. शिव चरण सिंह कुशवाहा रहे थे. भारतीय जनता पार्टी की शोभारानी कुशवाह को कुल 67 हजार 349 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर रहे कांग्रेस के शिव चरण सिंह को कुल 47 हजार 989 वोट मिले थे.


राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को डाला वोट
राजस्थान में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने अपना वोट कांग्रेस प्रत्याशी को डाला था. तभी से शोभारानी कुशवाह भी कांग्रेस पार्टी की तरफ चली गईं. अब साल 2023 का विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों के बाद होना है. देखने वाली बात होगी की इस बार यहां का राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठता है.  गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग में बीजेपी को मात्र एक सीट धौलपुर में जीत मिली थी. 


संभाग में बाकी सभी जगह बीजेपी का सूपड़ा साफ हुआ था. इस बार दोनों पार्टियों की नजर भरतपुर संभाग पर है. कांग्रेस पार्टी अपने गढ़ को बचाने के प्रयास में तो बीजेपी उसके किले को ढहाने की तैयारी में है. अब किसको कितनी सफलता मिलती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.