Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए शनिवार (25 नवंबर) को मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. अब तीन दिसंबर को रिजल्ट आने के बाद तय होगा कि प्रदेश की सत्ता किसे मिलेगी. ऐसे में अगर राजस्थान के बीते चुनावों की बात करें तो 2018 में प्रदेश में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसके साथ ही राजस्थान में इतिहास की मानें तो यहां 0.33 प्रतिशत वोट से भी सत्ता बदल जाती है. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में 0.54 फीसदी अधिक वोट मिलने से कांग्रेस की सरकार बन गई थी.
वहीं सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में कई बार खंडित जनादेश मिला, लेकिन चुनाव में जिस भी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं, वह बहुमत जुटाने में कामयाब रही. दूसरी तरफ यहां कभी आंकड़ों के खेल में सरकार नहीं गिरी. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा कभी किसी का शासन नहीं रहा. जनता पार्टी सत्ता में रही, लेकिन बीजेपी उसका हिस्सा थी. बीच-बीच में दूसरी सियासी पार्टियों ने पांव जमाने की कोशिश की, लेकिन कभी कामयाबी नहीं मिली.
1993 में जब बीजेपी के भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने तब से कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता आती-जाती रही. राजस्थान में चुनावी नतीजे में बीजेपी और कांग्रेस छोटे बहुमत या बहुमत के करीब जैसी स्थिति में अक्सर होती है. 1962 में कांग्रेस को 176 में 88 सीटें मिली थीं. वहीं 1967 में कांग्रेस विरोधी लहर के बावजूद 184 में से 89 सीटें उसे मिली थी.
किसे कब मिली सत्ता
बता दें कि, 1990 में बीजेपी और वीपी सिंह के जनता दल के बीच गठबंधन हुआ था. बीजेपी को 200 में से 85 सीटें मिली और उसने जनता दल के 55 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई. 1993 में बीजेपी ने 95 सीटें जीती और बहुमत के करीब पहुंच गई. 2008 और 2018 में कांग्रेस ने 200 सीटों वाली विधानसभा में 96 और 100 सीटें जीती. कुछ मौकों पर राजस्थान में पूर्ण बहुमत से भी सरकारें बनी हैं. 1972 में कांग्रेस ने 184 में से 145 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. इसके बाद 1980 में 200 में से 133 सीटें और 1985 में 113 सीटें जीती थीं. 1977 में जनता पार्टी ने 200 में से 152 सीटें जीती थी और 1998 में कांग्रेस 153 सीटों पर जीत मिली थी.