Rajasthan Election 2023: गहलोत के सीएम पद पर दिए बयान पर पूर्व शिक्षा मंत्री ने कसा तंज, उदाहरण में सुनाई कहानी, जानिए क्या कहा
Rajasthan Elections 2023: BJP सरकार में शिक्षा मंत्री रहे वासुदेव देवनानी उदयपुर पहुंचे.उन्होंने सीएम गहलोत द्वारा दिए गए सीएम पद को लेकर बयान पर तंज कसा और कांग्रेस पार्टी को अनुशासनहीन पार्टी बताएं.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कुछ ही हफ्ते रह गए हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस सहित अन्य पार्टी के नेता लगातार अलग-अलग जगह पहुंचकर दौरे कर रहे हैं. वहीं विपक्षी पार्टी पर लगातार हमले भी कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी सरकार के समय शिक्षा मंत्री रहे वासुदेव देवनानी उदयपुर पहुंचे.
वह बांसवाड़ा स्थित त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन करने और उदयपुर में भी देवी मां के मंदिर में दर्शन करने के लिए आए. मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए सीएम पद को लेकर बयान पर तंज कसा और वही कांग्रेस पार्टी को अनुशासनहीन पार्टी बताएं.
'अशोक गहलोत बहाना बना रहे हैं'
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि वह फेविकोल से चिपके हुए हो तो मैं नहीं कह सकता. यह एक कहानी है जो मैं आपको बताता हूं. पति-पत्नी की घर में लड़ाई हुई. पति घर से निकल गया लेकिन बाद में उसे अफसोस हुआ की गलती मेरी थी. सोचा कि घर कैसे जाऊं मेरी इज्जत का सवाल है. उनके पास एक गाय थी जो उनके घर ही जा रही थी, तो उसकी पूछ पकड़ पकड़ कर वह घर चला गया. पत्नी ने पूछा तो कहा मैं कहां आया हूं, गाय लेकर आई है. इसी तरह अशोक गहलोत बहाना बना रहे हैं.
'जनता उनको निपटने के लिए तैयार बैठी है'
कोई अगर पद छोड़ना चाहता है तो उसके लिए कहां मनाई जाती है. वह तो पद से चिपके रहना चाहते हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कहा तो उन्होंने मना कर दिया. यानी पद से तो चिपके रहना ही चाहते हैं. या तो उनको लग रहा है कि अगली बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे, तो वह ऐसा वातावरण बना रहे हैं. वैसे भी पद तो उनके पास से जा रहा है क्योंकि किसी भी हालत में वह राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. जनता उनको निपटने के लिए तैयार बैठी है. वह सहानुभूति बनाने के लिए कर रहे हैं.
'कांग्रेस पार्टी अनुशासनहीन है'
आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के 80-90 लोग उस बैठक में नहीं जाते हैं, जिस बैठक में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे हो. इसका मतलब उन्होंने हाई कमान को तक नहीं गाठा. इसमें अशोक गहलोत मुख्य सूत्रधार है. तो इससे स्पष्ट हो गया कि अनुशासनहीन लोग है. अनुशासनहीनता साइन लेवल का बड़ा व्यक्ति करें तो इससे निजात तो नहीं मिल सकता. इसलिए वह बोल रहे हैं कि मैंने आपत्ति नहीं कि उसने आपत्ति नहीं की. यह सिर्फ छवि मिटाना है.
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