Rajasthan Election 2023: चुनाव से पहले मुख्य सचिव को हटाने की बीजेपी ने की मांग, राजेंद्र राठौड़ ने सौंपा ज्ञापन
Rajasthan Elections 2023: ज्ञापन में लिखा गया है कि राजस्थान कैडर की 1985 बैच की आईएएस अधिकारी और राज्य की वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा अशोक गहलोत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रही हैं.
Rajasthan Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा को उनके पद से हटाने की मांग करते हुए बुधवार (25 अक्टूबर) को यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. राजस्थान विधानसभा में नेता राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिला एवं उन्हें ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन सौंपने के बाद राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग की ओर से समय समय पर जारी किए परिपत्रों में निर्देश दिया गया है कि जिन अधिकारियों का सेवाकाल बढाया गया है वे चुनाव संबंधित किसी भी कार्य से जुड़े नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनाव के समय आचार संहिता के अनुपालन में मुख्य सचिव की मुख्य भूमिका रहती है.
आज भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता जी से मुलाकात कर मुख्य सचिव राजस्थान श्रीमती ऊषा शर्मा आईएएस (RJ-1985) को राजस्थान के जनरल इलेक्शन में मुख्य सचिव राजस्थान की हैसियत से तुरंत कार्यमुक्त किए जाने की मांग की।@JPNadda @ArunSinghbjp… pic.twitter.com/bNTOGgLcL5
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 25, 2023
जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस....@BJP4India @BJP4Rajasthan @narendramodi @JPNadda @AmitShah pic.twitter.com/fupdX9FnRj
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 25, 2023
'निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं करने की आशंका है'
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से जो ‘स्क्रिनिंग कमेटी’ बनाई गई है उसमें पूरा नियंत्रण ‘अध्यक्ष’ के तौर पर मुख्य सचिव के पास ही रखा गया है. इस कमेटी में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं. राठौड़ ने कहा कि मुख्य सचिव उषा शर्मा सेवाकाल बढाए जाने के कारण सरकार से उपकृत अधिकारी हैं,
ऐसे में वर्तमान पद पर रहते हुए उनके द्वारा निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं करने की आशंका है और उपकृत करने वाले राजनीतिक दल के पक्ष में अपने पद का दुरूपयोग किए जाने की संभावना है. इसलिए तत्काल प्रभाव से उषा शर्मा को कार्यमुक्त किया जाए और आचार संहिता लागू होने के बाद उनके किए गए निर्णयों को भी शून्य घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को भी ज्ञापन सौंपेगा.