Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इस बार कई चेहरे ऐसे हैं, जिन्हें कांग्रेस और बीजेपी ने मैदान में उतार दिया है. न तो उनके लिए उम्र की कोई सीमा है और न ही कोई और बंधन. यहां तक की उनके खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी भी दलों को नहीं लग रही. दोनों दलों ने ऐसे प्रत्याशियों पर अपना भरोसा जताया है. ऐसे कई नाम हैं जैसे मालवीय नगर से कालीचरण सराफ जिनकी उम्र 70 के पार हैं.


70 पार के बूंदी से अशोक डोगरा, 80 साल ऊपर के शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, 70 साल पार के बीकानेर पश्चिम से बुलाकी दास कल्ला और 80 साल से अधिक की सूरसागर से सूर्यकांता व्यास पर सबकी नजरें टिकीं हुई है. इन्हे दोनों दलों ने अपने मोह में रखा है. 


जयपुर की मालवीयनगर 
मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चुनाव जीत रहे भाजपा के कालीचरण सराफ को पार्टी ने इस बार मैदान में उतार दिया है. पार्टी को कालीचरण से उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि जीत मिलेगी. उनके सामने कांग्रेस ने डॉक्टर अर्चना शर्मा को मैदान में उतारा है, जो उनकी उम्र की तुलना में युवा है. कालीचरण सराफ 70 साल के भले हो गए है और कई बार के विधायक हैं. मगर, पार्टी का उनसे मोह खत्म नहीं हुआ है. इसलिए सबकी नज़रें मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र पर टिकी हुई है.


बीकानेर के बुलाकी दास कल्ला 
बुलाकी दास कल्ला बीकानेर से कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा है. सबसे मजबूत गढ़ माना जाने वाला बीकानेर पश्चिम सीट जहां से 70 साल के पार के बुलाकी दास कल्ला को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है, वही उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने जेठालाल व्यास को मैदान में उतार दिया है. इन दोनों नेताओं की अगर बात करें तो कल्ला पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. क्योंकि उनके खिलाफ पार्टी को कुछ भी गलत नहीं दिख रहा है और उनसे कांग्रेस का मोह नहीं खत्म हो पाया है.


शाहपुरा के कैलाश 
कैलाश मेघवाल 90 साल की उम्र में कई बार के विधायक हैं. भारतीय जनता पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है, लेकिन कांग्रेस उन्हें सहयोग करना चाहती है. कांग्रेस की कैलाश मेघवाल से नजदीकियां बढ़ रही हैं. ऐसे में माना जा रहा है शाहपुरा से कैलाश मेघवाल पर कांग्रेस दांव खेल सकती है. कैलाश के खिलाफ वहां पर कितना विरोध है यह पार्टी को कोई चिंता नहीं है. यहां पर पार्टी का जोर सिर्फ कैलाश पर है. अगर यहां से कैलाश को टिकट मिलता है तो इसपर सबकी नजरें टिकीं हुई हैं. 


बूंदी से डोगरा 
बूंदी से अशोक डोगरा भाजपा के प्रत्याशी है. 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं. अशोक डोगरा कई बार के विधायक हैं. फिर भी भारतीय जनता पार्टी को उन पर भरोसा हुआ है और उन्हें मैदान में उतार दिया.  जबकि डोगरा पिछली बार 714 वोटों से जीत करके आए थे.  ऐसे में कांग्रेस ने अभी किसी को वहां से मैदान में नहीं उतारा है. लेकिन यहां पर भी सबकी नज़रें टिकी हुई है. कांग्रेस किसी युवा चेहरे को मैदान उतार सकती है. इसलिए यहां पर समीकरण दूसरे तरीके के बन रहे हैं. 


सूरसागर की सूर्यकांता व्यास 
सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से कई बार की विधायक और 80 साल पार कर चुकी सूर्यकांता व्यास भी इस बार चर्चा में है. इसबार उनका टिकट भाजपा ने काट  दिया है. अब उन पर कांग्रेस की नजर टिकी हुई हैं. सूत्रों का कहना है कांग्रेस सूर्यकांता व्यास को मैदान में उतार सकती है. एक बड़ा संदेश देने की तैयारी है. भारतीय जनता पार्टी ने भी यहां पर अपना प्रत्याशी उतार दिया है लेकिन इस सीट पर भी सबकी नज़रें टिकी हुई है. 


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