Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इस बार का चुनाव बेहद रोचक दौर में जा रहा है, क्योंकि चुनाव से पहले इस बार प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करना ही बेहद मुश्किल लग रहा है. जहां कांग्रेस में एक तरफ आलाकमान ने साफ साफ संकेत दे दिया है कि पैरवी और सिफारिशी लोगों को टिकट न दिया जाए, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी में कई पूर्व मंत्री अपने टिकट कटने का डर है. इसलिए अब दोनों तरफ से बगावत के सुर तेज होने के आसार हैं.


इस बीच पिछले दिनों कई कांग्रेसी नेताओं ने अपनी नाराजगी भी दिखाई है. उसमें कोटा जिले के भरत सिंह, श्रीमाधोपुर से दीपेंद्र सिंह शेखावत और हेमा राम चौधरी का नाम शामिल है. वहीं भाजपा के मालवीयनगर, कोलायत, कोटा के कई नेताओं ने भी अब बोलना शुरू कर दिया है. आज सुजानगढ़ के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल ने बीजेपी कार्यालय पर प्रह्लाद जोशी के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है. 


कांग्रेस में सर्वे बनेगा आधार 


इस बार कांग्रेस में टिकट देने का मजबूत आधार सर्वे बनेगा. किसी की पैरवी और जुगाड़ नहीं चलने वाला है. क्योंकि, सचिन पायलट ने भी सोमवार को इस मसले पर साफ कर दिया है कि जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाएगा. इसके बाद से स्थिति और साफ होती चली जा रही है. हालांकि, कुछ नेताओं को उनके बेटे और पत्नी को टिकट चाहिए. मगर, पार्टी इससे सर्वे को बेसिक आधार मान रही है. जिस चेहरे पर वहां पर समीकरण ठीक बैठेगा वहीं मैदान में उतरेगा.


इस हिसाब से कांग्रेस की कुछ चर्चित सीटें हैं, जिनकी खूब चर्चा है. जयपुर जिले की बगरू सीट से विधायक गंगा देवी की जगह युवा चेहरे के रूप में सत्यवीर अलोरिया, कांग्रेस लगातार हार रही फुलेरा सीट से कैलाश कुमावत, हारी हुई सीट सूरजगढ़ से सत्येंद्र यादव, कोटपूतली से मंत्री राजेंद्र यादव की सीट पर भीम पटेल, चौमूं से रुक्ष्मणी कुमारी या सुरेश यादव ,सीकर जिले की श्रीमाधोपुर से बलराम यादव या दीपेंद्र सिंह शेखावत के बेटे, गुढ़ामलानी से मंत्री हेमा राम चौधरी की बेटी समेत कई ऐसी सीटें हैं जहां पर कोई भी पैरवी नहीं चल पा रही है. सूत्रों का कहना है कि ये नाम सर्वे में आगे हैं और ये पैरवी में नहीं है. 


बीजेपी में ये पूर्व मंत्री संकट में 


झोटवाड़ा से विधायक रहे और पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, मालवीयनगर के वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, आदर्श नगर विधानसभा सिविल लाइन से विधायक रहे और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, चूरू जिले की सुजानगढ़ विधानसभा सीट से विधायक रहे और पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, पूर्व मंत्री देवी सिंह भांटी, पूर्व मंत्री मदन दिलावर ये सभी टिकट कटने के डर से खामोश हैं. मगर, बीजेपी कार्यालय में पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल ने चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी को घेर लिया उनके साथ बड़ी संख्या में लोग थे. खेमराम ने खास बातचीत में बताया कि सुजानगढ़ सीट पर संतोष मेघवाल को टिकट दिए जाने की चर्चा है. जो कांग्रेस से बीजेपी में आई हैं. इससे बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं में नाराजगी होगी. इसलिए चुनाव प्रभारी से अपनी बात कही गई है. 


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