Rajasthan Election 2023: 'हमारे लिए पार्टी-वार्टी की नहीं कोई बंदिश,' रिक्षपाल मिर्धा के बयान से बढ़ी सियासी अटकलें
Rajasthan Viral Video: वीर तेजा कल्याण के बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद रिक्षपाल मिर्धा पहली बार डेगाना पहुंचें. यहां उन्होंने ऐसा बयान दिया जिसके बाद सियासी अकटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में आचार संहिता लगने से कुछ घण्टे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीर तेजा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में पूर्व विधायक रिक्षपाल मिर्धा को नियुक्त किया था. वह डेगाना से कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा के पिता हैं. सीएम अशोक गहलोत द्वारा रिक्षपाल मिर्धा को इस पद पर नियुक्त करने का मकसद जाट मतदाताओं में अपनी पकड़ मजबूत करने के संकेत के रुप में देखा जा रहा है. बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद रिक्षपाल मिर्धा अब पार्टी की कोई बंदिश न होने की बात कह रहे हैं.
रविवार (15 अक्टूबर) को डेगाना में इनके कार्यालय पर एक कार्यक्रम हुआ, जहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. उस कार्यक्रम में हंसते हुए बोर्ड अध्यक्ष रिक्षपाल मिर्धा ने कहा, ''अगर हमारी बेटी ज्योति मिर्धा चुनाव लड़े तो दो चार दिन हम उनका प्रचार करेंगे.'' उन्होंने कहा, ''हमारे लिए पार्टी-वार्टी की कोई बंदिश नहीं है. हम भी आपकी तरह खुले हैं.'' रिक्षपाल मिर्धा के 21 सेकेंड के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मौके पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे.
तो क्या हुआ बोर्ड अध्यक्ष बनाने से?
अब सवाल हो रहा है कि जिस नेता को अशोक गहलोत ने वीर तेजा जी बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर जातिगत समीकरण साधने का प्लान बनाया है, अब वहीं नेता पार्टी की बंदिश न होने की बात कह रहा है. सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं ज्योति मिर्धा के बीजेपी में जाने के बाद इनका भी परिवार पाला बदल सकता है. इसलिए यहां पर भी जातीय समीकरण को भांपा जा रहा है. इसका इंतजार सभी को है. इस वायरल वीडियो को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
पहली बार खुल कर किया 'किनारा'
वीर तेजा कल्याण के बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद रिक्षपाल मिर्धा पहली बार डेगाना पहुंचें, जहां पर कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा भी मौजूद थे. इस दौरान चुनाव में बीजेपी नेता ज्योति मिर्धा का चुनाव खुला समर्थन करने और चुनाव में उनका प्रचार करने का वादा भी रिक्षपाल मिर्धा ने किया. इस तरह का बयान पहली बार खुलकर सामने आया है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए पार्टी वार्टी कोई मायने नहीं रखती हैं. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एक तरफ जहां कांग्रेस पूरे जाट समुदाय को साधना चाह रही है,वहीं रिक्षपाल मिर्धा के इस बयान से अलग राजनीतिक संकेत निकल रहे हैं.