Rajasthan Election 2023: परमाणु नगरी पोकरण में बाबा और फकीर में होगा सत्ता का संघर्ष, बेहद ही कम अंतराल से होती है जीत-हार
Rajasthan Election 2023 News: महंत प्रताप पुरी और गाजी फकीर दोनों का अपने-अपने समुदाय में काफी प्रभाव है. ऐसे में पोकरण विधानसभा में बाकी मुद्दों के साथ धर्म भी एक बड़ा मुद्दा रहता है.
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर रही हैं. साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. जिसकी अंतिम तारीख 6 नवंबर है. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे प्रत्याशियों को लेकर संशय के बादल भी साफ हो रहे हैं. राजस्थान के जैसलमेर जिले में आने वाली परमाणु नगरी पोकरण विधानसभा सीट पर इस समय परमाणु परीक्षण से ज्यादा चुनावी परीक्षण की चर्चा हो रही है.
पिछले दो विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी यहां काफी करीबी मुकाबला होने की उम्मीद है. सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी दोनों ने इस सीट पर कोई नया परिवर्तन नहीं किया है. दोनों पार्टियों ने अपने पुराने चेहरे पर ही दांव लगाया है. बीजेपी ने महंत प्रताप पुरी को दोबारा मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने पोकरण विधानसभा क्षेत्र से अपने मौजूदा विधायक और गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद को एक बार फिर टिकट दिया है.
महंत प्रतापपुरी तारातरा मठ के महंत है
परमाणु नगरी पोकरण में चुनावी मुकाबला पिछली बार की तरह दिलचस्प होगा. क्योंकि कांग्रेस के प्रत्याशी साले मोहम्मद एक मुस्लिम धर्मगुरु के बेटे हैं. उनके पिता गाजी फकीर के सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बड़ी संख्या में अनुयाई है. वहीं बीजेपी उम्मीदवार महंत प्रतापपुरी तारातरा मठ के महंत हैं. बता दें की महंत प्रताप पुरी के समर्थक उनकी तुलना यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करते हैं. उन्हें बाड़मेर का योगी भी बताते हैं.
बाकी मुद्दों के साथ धर्म भी एक बड़ा मुद्दा
परमाणु नगरी पोकरण में धर्म बड़ा मुद्दा है. महंत प्रताप पुरी और गाजी फकीर दोनों का अपने-अपने समुदाय में काफी प्रभाव है. ऐसे में पोकरण विधानसभा में बाकी मुद्दों के साथ धर्म भी एक बड़ा मुद्दा रहता है. इसके अलावा पानी की कमी पशुओं का चारा और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने के कारण भी क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा रहता है.
2018 विधानसभा चुनाव में यह थे आंकड़े
पोकरण विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. तब से अब तक पिछले तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है और एक बार बीजेपी ने जीत हासिल की है. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के शाले मोहम्मद और बीजेपी के महंत प्रताप पुरी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. इस चुनाव में शाले मोहम्मद ने 872 वोटो के अंतर से जीत गए थे. शाले मोहम्मद को कुल 82964 मत मिले. जबकि उनके मुकाबले में प्रताप पुरी को 82094 वोट मिले थे.
पूरे जोधपुर संभाग में इस मठ प्रभाव
गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद के पिता सिंधी मुस्लिम समुदाय में काफी प्रभाव रखते हैं. हालांकि विधानसभा क्षेत्र में शाले मोहम्मद कलर जाति से आते हैं. उनकी जाति के बहुत कम वोट है. वहीं दूसरी ओर महंत प्रताप पुरी के बाड़मेर में स्थित तारातरा मठ के महंत हैं. लगभग पूरे जोधपुर संभाग में इस मठ का काफी प्रभाव है. इन दोनों बड़े चेहरों के चलते. यह पश्चिमी राजस्थान की सबसे हॉट चुनाव सीट में से एक मानी जा रही है. पोकरण विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम राजपूत और दलित समुदाय के लोग काफी संख्या में हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों का यहां पर फोकस दलित वोट बैंक को साथ लेने का है जो यहां जीत हार में निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में है.