Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होना है. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों अपना पूरा दम झोंके हुए हैं. वहीं मतदान को सुरक्षित और बेहतर प्रतिशत के साथ करवाने के लिए निर्वाचन आयोग की तरफ से भी कई तैयारियां की जा रही हैं. राजस्थान में होने वाले इन विधानसभा चुनाव में इस बार पोलिंग बूथ पर कुछ खास नजर आएगा. यहां पर्यटन कला संस्कृति और पर्यावरण प्रेम की झलक दिखाने के साथ कई स्पेशल पहल की गई है. 


जिला निर्वाचन अधिकारी अरविन्द पोसवाल (Arvind Poswal) ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वहां के पर्यटन स्थल, दर्शनीय स्थल, स्थापत्य कला-संस्कृति पर आधारित विशिष्ठ मतदान केंद्र तैयार किए जाएंगे. इसमें बूथ पर संबंधित क्षेत्र के विशिष्ट स्थल, कला और लोक संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा. पर्यटन विभाग ने जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची प्राप्त की जा रही है. साथ ही संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को उक्त पर्यटन स्थलों के आधार पर थीम बेस मतदान केंद्र स्थापित करने के लिए निर्देशित किया है.


सेल्फी अपलोड करने पर मिलेगा डिजिटल सर्टिफिकेट


अरविन्द पोसवाल ने बताया कि आयोग ने विशिष्ठ बूथों पर सेल्फी प्वाइंट भी स्थापित किए जाएंगे. इन पॉइंट पर सेल्फी लेकर सीईओ राजस्थान की वेबसाइट पर अपलोड करने पर संबंधित मतदाता को मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान की ओर से डिजिटल सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा. सेल्फी पॉइंट पर उक्त सूचना भी प्रदर्शित की जाएगी. साथ ही विधानसभा क्षेत्र में ग्रीन पोलिंग स्टेशन (इको फ्रेंडली) स्थापित किए जाएंगे. इसके तहत संबंधित बूथों पर यथासंभव पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके अलावा बूथ पर माकूल साफ-सफाई व्यवस्था रहेगी तथा डस्टबिन भी लगाए जाएंगे.


पहले पांच मतदाता करेंगे पौधारोपण


अरविन्द पोसवाल ने बताया कि बड़ा नवाचार करते हुए हर बूथ पर पौधरोपण कराने के भी निर्देश दिए हैं. इसके तहत प्रत्येक बूथ पर पहले पांच मतदाता पौधरोपण करेंगे. इसके लिए उप वन संरक्षक को पत्र भेजकर जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित 2209 बूथों के लिए कुल 11045 पौधे संबंधित विकास अधिकारियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल, छाया की उचित व्यवस्था, रोशनी की व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं. 


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