Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress) पूरी तैयारी में है. पार्टी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी के दौरे से मजबूत सियासी संदेश देने की प्लानिंग में है. जहां 10 सितंबर को प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi ) की टोंक में सभा हुई थी, वहीं अब राहुल गांधी की जनसभा जयपुर में होने जा रही है. इसके कई सियासी मायने समझे जा रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 23 सितंबर को जयपुर आ रहे हैं. इनके साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी रहेंगे.


दरअसल, कांग्रेस के कार्यालय की भूमि पूजन होना है. जिसके लिए पार्टी ने मानसरोवर में जमीन भी तय कर ली है. सोमवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने उस जगह का दौरा भी किया है. राहुल गांधी के इस दौरे से संगठन और सरकार दोनों को संदेश देने की तैयारी है. एक तरफ जहां टिकट को लेकर माथापच्ची चल रही है, वहीं राहुल के दौरे से 'खेमेबाजी' पर रोक लगने की उम्मीद है. पिछले महीने मानगढ़ के दौरे के बाद राहुल गांधी की यह दूसरी महत्वपूर्ण सभा मानी जा रही है. 


योजना की शुरुआत प्रियंका गांधी से 


कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की 10 सितंबर को टोंक में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'इंदिरा गांधी ग्रामीण रसोई योजना' की शुरुआत की थी. लेकिन जब राहुल गांधी आ रहे हैं तो संगठन के लिहाज चीजों को देखा जा रहा है. संगठन में राहुल गांधी की स्थिति मजबूत है. संगठन में युवाओं को और जोड़ने के लिए राहुल गांधी का यह दौरा मजबूत माना जा रहा है. राहुल गांधी के इस कार्यक्रम के दौरान कोई योजना नहीं लॉन्च होगी. यह प्रियंका की यात्रा से बेहद अलग होगी. क्योंकि, इस जनसभा में एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं के जुटने का अनुमान बताया जा रहा है. 


गहलोत और पायलट दोनों मानते हैं नेता 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot ) और सचिन पायलट (Sachin Pilot ) दोनों राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं. ऐसे में राहुल गांधी की उपस्थिति के बाद यह साफ हो जाएगा अब कोई भी 'राजनीतिक मनमुटाव' नहीं है. दोनों नेता मिलकर के चुनाव में उतरेंगे और पार्टी को मजबूती प्रदान करना चाहेंगे. कुछ एक संदेश राहुल गांधी के द्वारा भी पार्टी और सरकार को दिए भी जा सकते हैं. राहुल गांधी बार-बार यह कहते हैं कि सरकार में संगठन की मजबूत भूमिका होनी चाहिए. चुनाव में उतरने से पहले यह संदेश बेहद खास होगा. अगर इस मंच से कार्यकार्ताओं और नेताओं को संदेश दिया गया तो इसे 'मास्टर स्ट्रोक' माना जाएगा.


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