Sachin Pilot vs Ashok Gehlot Dispute: पिछले कई महीनों से राजस्थान में कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा बड़े असमंजस में है. उन्हें यह समझ नहीं आता कि किसके लिए बोलें और किसके लिए न बोलें. इसी फेर में अभी तक लगभग तीन साल से जिलाध्यक्षों की लिस्ट नहीं आ सकी है. ऐसे में संगठन पर बेहद दबाव है. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश सचिव और प्रवक्ता की लंबी लिस्ट बना रखी है. उसमें भी कई तो धड़ों में बंटे हुए नजर आते हैं. ऐसे में जब दिल्ली में आलाकमान की बैठक है और वहां पर सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे तो हल भी निकलने की सम्भवना है. क्योंकि, महीनों बाद अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) दिल्ली में बैठक में शामिल होने वाले हैं. पार्टी की आगामी चुनाव को देखते हुए रणनीति पर काम करेगी. तो क्या यहां से इस बैठक में ही सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा.
कर्नाटक के बाद बना है जोश
सूत्रों की माने तो कर्नाटक चुनाव के बाद से कांग्रेस आलाकमान थोड़ा और शख्त हो गए हैं. अब वो फैसले लेने में कोई देरी नहीं करेंगे. तो ऐसे में अब बैठक में केवल चुनाव की बात तो होगी नहीं. यहां पर जो पार्टी और सरकार में जो 'कोल्ड वार' चल रहा है उसपर भी बात बन सकती है.
नजरें इसलिये भी टिकी हैं
चुनाव से पहले राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच में सामंजस्य बैठाना होगा. क्योंकि यहाँ पर हर दिन तनाव बढ़ता जा रहा है. 29 की बैठक के बाद 30 के बाद सचिन पायलट सरकार के खिलाफ आंदोलन भी करने की चेतावनी दे डाली है. यह मसला तब हल होगा जब यहां पर मंथन में समस्या का हल निकल जाएगा. इस लिए सबकी नजरें टिकीं हुई हैं.
25 सितंबर की हो रही चर्चा
दिल्ली की बैठक में चर्चा है कि एक बार फिर से 25 सितंबर की चर्चा हो सकती है. क्योंकि, सचिन पायलट पर लगातार अशोक गहलोत के समर्थक 'बगावत' का आरोप लगा रहे हैं और सचिन पायलट के लोग 25 सितंबर को जयपुर में हुई राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र कर रहे हैं.
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